जब भक्त अपने प्रिय श्याम बाबा के दरबार में समर्पण और प्रेम से आते हैं, तो वह महसूस करते हैं कि श्याम का प्रेम और उनका दरबार पूरी तरह से सत्य और निर्मल है। सांची है प्रीत तुम्हारी, सांचा तेरा दरबार भजन इस सच्चाई और शुद्धता का प्रतीक है, जहाँ श्याम बाबा का प्रेम कभी झूठा नहीं होता, और उनका दरबार हमेशा शुद्ध और पवित्र होता है। आइए, इस भजन को पढ़ें और श्याम बाबा के सत्य और प्रेम का अनुभव करें।
Sanchi Hai Prit Tumhari Sanch Tera Darabar
अपनी सेवा देकर मुझको,
किया बड़ा उपकार,
बाबा किया बड़ा उपकार,
सांची है प्रीत तुम्हारी,
सांचा तेरा दरबार।।1।।
बड़भागी ही तेरी सेवा पाते है,
किस्मत वाले ही तेरे गुण गाते है,
जाने कौन से कर्म का मुझको,
जाने कौन से कर्म का मुझको,
मिला है ये उपहार,
बाबा मिला है ये उपहार,
साँची है प्रीत तुम्हारी,
साँचा तेरा दरबार।।2।।
हर ग्यारस पे दर्शन तेरा पाता हूँ,
खुशी के मारे फूला नहीं समाता हूँ,
सारी खुशियां एक तरफ है,
सारी खुशियां एक तरफ तेरा,
एक तरफ दीदार,
बाबा एक तरफ दीदार,
साँची है प्रीत तुम्हारी,
साँचा तेरा दरबार।।3।।
प्रेमी चाकर बेटा या फिर दीवाना,
दुनिया ने मुझे तेरे नाम से ही जाना,
चरणों में तेरे नकमस्तक है,
चरणों में तेरे नकमस्तक है,
‘सोनू’ का परिवार,
बाबा सोनू का परिवार,
साँची है प्रीत तुम्हारी,
साँचा तेरा दरबार।।4।।
अपनी सेवा देकर मुझको,
किया बड़ा उपकार,
बाबा किया बड़ा उपकार,
सांची है प्रीत तुम्हारी,
सांचा तेरा दरबार।।5।।
श्याम बाबा का दरबार सच्चाई और प्रेम का प्रतीक है, और यही प्रेम हमें हर मोड़ पर मार्गदर्शन देता है। उनकी इस अपार कृपा को मांगो दातार से खाटू दरबार से, नौकर रख लो लखदातार, लाखों नमन है बाबा तेरे दरबार को, बाबा को ढूंढता हूँ खाटू की हर गली में जैसे अन्य भजनों में भी अनुभव किया जा सकता है। आइए, इन भजनों को भी पढ़ें और श्याम बाबा की भक्ति में लीन होकर उनके सत्य और प्रेम का अनुभव करें। जय श्री श्याम! 🙏💛