रुस्या कईया श्याम बताणो पड़सी

जब हम अपने जीवन में श्याम बाबा की कृपा से दूर हो जाते हैं या उनका ध्यान नहीं रखते, तो यह भजन हमें याद दिलाता है कि श्याम के बिना जीवन अधूरा है। रुस्या कईया श्याम बताणो पड़सी भजन में यह संदेश है कि जब श्याम बाबा से रुखा हो जाते हैं, तो हमारी आत्मा और दिल दोनों ही व्याकुल हो जाते हैं। आइए, इस भजन को पढ़ें और महसूस करें कि श्याम बाबा के बिना जीवन में कोई सुकून नहीं।

Rusya Kaieya Shyam Batado Padasi

रुस्या कईया श्याम,
बताणो पड़सी,
टाबरिया बुलावै,
थाने आणो पड़सी।।1।।

म्हे टाबर थे मायत स्याणा,
भलो बुरो म्हे कुछ ना जाणा,
म्हासु रुस्या कइया सरसी,
म्हे तो थारा दास पुराणा,
म्हारे सिर पर हाथ,
फिराणो पड़सी,
टाबरिया बुलावै,
थाने आणो पड़सी।।2।।

भूल चूक की माफ़ी चाहवा,
राजी होज्या श्याम मनावा,
नाराजी थे मेटो बाबा,
चरणा माही शीश झुकावा,
बालकिया नै श्याम,
निभाणो पड़सी,
टाबरिया बुलावै,
थाने आणो पड़सी।।3।।

‘हर्ष’ भरोसो म्हाने भारी,
अर्जी सुणसी श्याम हमारी,
लूक मीचणी मत ना खेलो,
आदत म्हे जाणा हाँ थारी,
बाबा म्हारो मान,
बढ़ाणो पड़सी,
टाबरिया बुलावै,
थाने आणो पड़सी।।4।।

रुस्या कईया श्याम,
बताणो पड़सी,
टाबरिया बुलावै,
थाने आणो पड़सी।।5।।

श्याम बाबा के प्रेम और आशीर्वाद से ही जीवन में शांति और सुख मिलता है। उनके बिना जीवन में कोई अर्थ नहीं होता। इस प्रेम को हारे के सहारे श्याम, मुझे गले लगा लो ना, अब हार गया हूँ श्याम, मांगो दातार से खाटू दरबार से, तेरे भजनों में है जादू महसूस तुझे ही करूं मैं जैसे अन्य भजनों में भी अनुभव किया जा सकता है। आइए, इन भजनों को भी पढ़ें और श्याम बाबा के साथ अपने रिश्ते को सशक्त बनाएं, उनके आशीर्वाद का अनुभव करें। जय श्री श्याम! 🙏💛

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