ओ म्हारा प्यारा सांवरिया | O Mhara Pyara Sawariya

ओ म्हारा प्यारा सांवरिया —यह भजन श्याम प्रभु के प्रति गहरे प्रेम और भक्ति को दर्शाता है। जब भक्त अपने आराध्य को पुकारता है, तो यह पुकार सीधे उनके हृदय तक पहुंचती है। सांवरिया सेठ की महिमा, उनकी कृपा और उनकी अनोखी लीला को यह भजन मनमोहक रूप से प्रस्तुत करता है। आइए, इस भजन के माध्यम से हम भी अपने सांवरिया सेठ के प्रति अपनी भक्ति प्रकट करें।

O Mhara Pyara Sawariya

उलझ्यो उलझ्यों हूं मैं बाबा,
थोड़ो सुलझ्या दे,
था बिन क्यूं यो जी ना लागे,
म्हाने बतलादे,
ज्यो थाने इब उलझानो तो,
खुद में ही उलझ्या दे,
उलझ्यो उलझ्यो रहस्यूं बाबा,
गांठा सारी लगा दे,
ओ म्हारा प्यारा सांवरिया,
ओ खाटू वाला सांवरिया।1।

बालपने में जान ना पायो,
थासै हेत पुराणों,
जद जो थानै जान मैं पातो,
रहतो आणो जाणो,
जद सै क्यूं ना थामी कलाई,
बाबा म्हाने बता दे,
इब तो आकै बाथ्यां भर ले,
खाटू में रहबा दे,
ओ म्हारा प्यारा साँवरिया,
ओ खाटू वाला साँवरिया।2।

थारे म्हारे प्रीत की चर्चा,
जग में जब बढ़ जासी,
इक इक दुनिया वाले बाबा,
म्हानै सिर पे बिठासी,
इब तो आंख्या बाट जुहारे,
बेगो वो दिन ल्या दे,
इब सुलझ कै के करूं मैं,
खुद में ही उलझ्या दे,
ओ म्हारा प्यारा साँवरिया,
ओ खाटू वाला साँवरिया।3।

इतनो उलझ्या द्यो थे बाबा,
दुनिया ने बिसराऊं,
थां बिन म्हारो कूण सांवरिया,
थाकी आस लगाऊं,
“नेहा” मन की पीड़ जो सारी,
बाबा ने बतलादे,
‘प्रतीक’ मन की पीड़ जो सारी,
बाबा ने बतलादे,
बेगो आसी यो बाबो तेरी,
पीड़ सारी सुलझया दे,
ओ म्हारा प्यारा साँवरिया,
ओ खाटू वाला साँवरिया।4।

उलझ्यो उलझ्यों हूं मैं बाबा,
थोड़ो सुलझ्या दे,
था बिन क्यूं यो जी ना लागे,
म्हाने बतलादे,
ज्यो थाने इब उलझानो तो,
खुद में ही उलझ्या दे,
उलझ्यो उलझ्यो रहस्यूं बाबा,
गांठा सारी लगा दे,
ओ म्हारा प्यारा सांवरिया,
ओ खाटू वाला सांवरिया।5।

श्याम प्रभु अपने भक्तों की पुकार को कभी अनसुना नहीं करते। यह भजन हमें उनके प्रेम में और अधिक डूबने का अवसर देता है। यदि यह भजन आपको पसंद आया, तो “सांवरिया म्हाने थारो दीदार चाहिए, म्हारा श्याम धनी के कीर्तन में घोड़लियो नाचे जी“, और “मेरे घर के ऊपर तेरी मोरछड़ी का साया हो” जैसे भजनों को भी अवश्य पढ़ें और श्याम प्रेम में मग्न हो जाएं। जय श्री श्याम! 🙏🎶

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