निकले मेरे प्राण हंसते हंसते

जब जीवन का हर क्षण भगवान की भक्ति में बीतता है, तो मृत्यु भी भय का कारण नहीं रहती, बल्कि प्रभु के श्रीचरणों में विलीन होने का एक सुंदर अवसर बन जाती है। निकले मेरे प्राण हंसते हंसते भजन उसी भाव को व्यक्त करता है—जब भक्त का मन इतना प्रभु-प्रेम में लीन हो जाए कि वह हंसते-हंसते इस संसार से विदा हो। यह भजन न केवल भक्ति और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि हमें सिखाता है कि सच्चा प्रेम और विश्वास हो तो हर परिस्थिति में मन आनंदित रहता है। आइए, इस भावपूर्ण भजन को पढ़ें और अपने हृदय को श्याम प्रेम से सराबोर करें।

Nikle Mere Pran Haste Haste

निकले मेरे प्राण हंसते हंसते,
कीर्तन तेरा श्याम करते करते।।1।।

अंत समय आए जब मेरा,
मुख पे तेरा नाम हो,
मोरछड़ी हाथों में लेकर,
सामने मेरा श्याम हो,
बस अंतिम प्रणाम करते करते,
कीर्तन तेरा श्याम करते करते।।2।

अगले जन्म में मुरली वाले,
सूरत तेरी याद रहे,
साथ हमारा छोड़ ना देना,
जन्म जन्म तू साथ रहे,
विदा कराना हाथ भरते भरते,
कीर्तन तेरा श्याम करते करते।।3।

अंत समय में श्याम अगर मैं,
बिना बुलाए चला गया,
फिर ये शिकायत मत करना की,
बिना बताए चला गया,
थोड़ा तुम्हें परेशान करते करते,
कीर्तन तेरा श्याम करते करते।।4।

‘बनवारी’ ना हिसाब लगाना,
श्याम कोई भी भूल का,
मेरे माथे तिलक लगाकर,
तेरे चरण की धूल का,
इतना तेरा नुकसान करते करते,
कीर्तन तेरा श्याम करते करते।।5।

निकले मेरे प्राण हंसते हंसते,
कीर्तन तेरा श्याम करते करते।।6।

श्याम बाबा के भक्तों के लिए जीवन और मृत्यु दोनों ही परम आनंद का विषय होते हैं, क्योंकि उनकी आत्मा हमेशा बाबा के श्रीचरणों में ही रम जाती है। इस भावना को हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा, श्याम पर कर भरोसा तू ये मुश्किल हल भी कर देगा, जबसे हमने श्याम तेरा दीदार कर लिया और बाबा पे विश्वास होना चाहिए जैसे भजनों में भी महसूस किया जा सकता है। आइए, इन भजनों को पढ़ें और श्याम बाबा की भक्ति में खुद को तल्लीन करें। जय श्री श्याम! 🙏💙

Share

Leave a comment