मेरा तू ही तो हमदर्द है भजन में भक्त अपने दुःख-दर्द और विषमताओं को श्याम जी के सामने रखता है। इस भजन के माध्यम से भक्त यह प्रकट करता है कि श्याम ही उसका सच्चा सहारा है, जिसने उसे हर कष्ट और दुःख से उबारने का वचन लिया है। जब जीवन में सब कुछ अधूरा महसूस होता है, तब श्याम की कृपा से ही हमें सच्चे सहारे का अहसास होता है।
Mera Tu Hi To Humdard Hai
दुनिया के आगे प्रभु,
चुपचाप मैं रहता हूँ,
मेरा तू ही तो हमदर्द है,
जिसे हर दर्द कहता हूँ,
दुनिया के आगे प्रभु।।
दुनिया की आदत,
करती बगावत,
जब दिन बुरे घिरते,
जब दिन बुरे घिरते,
नजर चुराते दूरी बढ़ाते,
सब यार मुंह फेरते,
सब यार मुंह फेरते,
ना समझे कोई भी,
किसी की परेशानियां,
मेरा तू हीं तो हम दर्द है,
जिसे हर दर्द कहता हूँ,
दुनिया के आगे प्रभु।।
जग है छलावा,
तेरे अलावा,
किसी पे भरोसा नहीं,
किसी पे भरोसा नहीं,
मुझे दाना पानी,
सिवा तेरे दानी,
किसी ने परोसा नहीं,
किसी ने परोसा नहीं,
भला कैसे भूलूँ,
मैं तेरी मेहरबानियां,
मेरा तू हीं तो हम दर्द है,
जिसे हर दर्द कहता हूँ,
दुनिया के आगे प्रभु।।
आया नजर ना,
कोई भी अपना,
जब मुझको दरकार थी,
जब मुझको दरकार थी,
तब मेरे पथ का,
जीवन के रथ का,
तू ही बना सारथी,
तू ही बना सारथी,
‘माधव’ ने की,
हर कदम पर निगेबानिया,
मेरा तू हीं तो हम दर्द है,
जिसे हर दर्द कहता हूँ,
दुनिया के आगे प्रभु।।
दुनिया के आगे प्रभु,
चुपचाप मैं रहता हूँ,
मेरा तू ही तो हमदर्द है,
जिसे हर दर्द कहता हूँ,
दुनिया के आगे प्रभु।।
श्याम जी के बिना जीवन में कोई और सच्चा साथी नहीं हो सकता। उनकी कृपा से ही हमारी समस्याओं का समाधान होता है। अगर इस भजन ने आपके मन को छुआ हो, तो “तेरे दर आया बाबा तेरा ये सवाली”, “बाबा श्याम म्हारो है”, “चरणों में तेरे बाबा होवे मेरा ठिकाना” और “तेरा जब से किया दीदार सांवरे” जैसे अन्य भजनों का भी अनुभव करें। जय श्री श्याम!