मैं भी उठाऊँ श्याम तेरा निशान —यह भजन एक सच्चे भक्त की भावनाओं को दर्शाता है, जो अपने आराध्य श्याम के प्रेम में इतना डूब जाता है कि वह उनके निशान को अपने कंधों पर उठाने की लालसा रखता है। जब भक्त इस निशान को उठाता है, तो वह सिर्फ अपने हाथों में नहीं, बल्कि अपने हृदय में भी श्याम की भक्ति को धारण करता है।
Main Bhi Uthau Shyam Tera Nishan
मैं भी उठाऊँ श्याम तेरा निशान,
कर दे मुझ पर ये अहसान,
इच्छा बड़ी है श्याम सरकार मेरे बाबा,
अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में,
बाबा अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में।।
मैंने सुना है श्याम तू दीनानाथ है,
जिसने पुकारा बाबा तू उसके साथ है,
हारे का सहारा तू बड़ा बलवान है,
भेद नहीं पाया ते महिमा महान है,
पागल हुआ मैं तेरे प्यार में बाबा,
अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में,
बाबा अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में।।
तेरा निशान श्याम तेरी पहचान है,
जिसने उठाया हुआ उसका कल्याण है,
जग का पालनहार श्याम सबका तू सहारा,
डूबते हुए को तू देता है किनारा,
नईयाँ पडी है श्याम मझधार में बाबा,
अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में,
बाबा अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में।।
तेरे दरबार की तो बात है निराली,
सच्चे मन से जो आया लौटा ना खाली,
सबकी तू लाज रखता मोहन मुरारी,
मैं भी तेरे दर पे आया बनके भिखारी,
अंखिया प्यासी है तेरे दीदार में श्याम,
अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में,
बाबा अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में।।
मैं भी उठाऊँ श्याम तेरा निशान,
कर दे मुझ पर ये अहसान,
इच्छा बड़ी है श्याम सरकार मेरे बाबा,
अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में,
बाबा अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में।।
श्याम का निशान सिर्फ एक ध्वज नहीं, बल्कि भक्ति, प्रेम और समर्पण का प्रतीक है, जो हर भक्त को उनके चरणों तक ले जाता है। यह भजन हमें अपनी आस्था को मजबूत करने और निशान यात्रा के पावन अनुभव से जुड़ने की प्रेरणा देता है। यदि यह भजन आपको पसंद आया, तो आयो फागण रंग रंगीलो ले हाथा में निशान चलो , भक्तो चालो रे म्हारे श्याम धणी रो मेलो आयो है, और खाटू में रंगों की बौछार है जैसे भजनों को भी अवश्य पढ़ें और श्याम प्रेम में डूब जाएं। जय श्री श्याम! 🙏🎶