कीर्तन में बस श्याम होना चाहिए

जब भक्ति सच्ची हो और मन में केवल श्याम नाम की धुन गूंज रही हो, तब कीर्तन में और किसी चीज़ की आवश्यकता नहीं होती। कीर्तन में बस श्याम होना चाहिए भजन इसी भक्तिभाव को प्रकट करता है, जहाँ केवल बाबा का नाम, उनकी महिमा और उनकी भक्ति ही सब कुछ बन जाती है। जब हम श्याम बाबा के नाम में रम जाते हैं, तो हमारे मन के सारे दुख-दर्द मिट जाते हैं, और आनंद की वर्षा होने लगती है। आइए, इस भजन को पढ़ें और श्याम कीर्तन की महिमा को अनुभव करें।

Kirtan Me Bas Shyam Hona Chahiye

भक्ति का सम्मान,
होना चाहिए,
कीर्तन में बस श्याम,
होना चाहिए।।1।।

नाच कूद की धूम मची है,
भाव कहाँ है कीर्तन में,
श्याम नाम की माला जपते,
बैर लिए अपने मन में,
सच्चे प्रेमी की पहचान,
होना चाहिए,
किर्तन में बस श्याम,
होना चाहिए।।2।।

अपने अपने मतलब से जब,
प्रेमी बनकर आते है,
बना नहीं जब काम यहाँ,
भगवान बदल लिए जाते है,
बाबा पर विश्वास,
होना चाहिए,
किर्तन में बस श्याम,
होना चाहिए।।3।।

करने वाला श्याम है लेकिन,
मैं ही मैं सबके मन में,
इनको समझ नहीं आता है,
श्याम बसें है कण कण में,
‘अंकित’ को ना अभिमान,
होना चाहिए,
किर्तन में बस श्याम,
होना चाहिए।।4।।

भक्ति का सम्मान,
होना चाहिए,
कीर्तन में बस श्याम,
होना चाहिए।।5।।

श्याम बाबा का नाम ही हर भक्त की असली पूँजी है। उनकी भक्ति और कीर्तन की महिमा को कीर्तन में बुलाया है श्याम, तेरे भजनों में है जादू, महसूस तुझे ही करूं मैं, श्याम का रंग चढ़ गया, तेरा नाम लेकर जो जिए जा रहा है जैसे अन्य भजनों में भी अनुभव किया जा सकता है। आइए, इन भजनों को भी पढ़ें और श्याम बाबा की भक्ति में लीन होकर उनके प्रेम और आशीर्वाद का अनुभव करें। जय श्री श्याम! 🙏💛

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