जब बसंत ऋतु का आनंद और रंगों का पर्व फागुन आता है, तो खाटू श्याम के दरबार में भक्तों का उत्साह और भक्ति दोनों चरम पर होते हैं। खाटू वाले श्याम धणी का फाग महोत्सव आ गया भजन इसी उत्सव और उल्लास का प्रतीक है, जहाँ भक्त श्री श्याम के दरबार में फागुन की रंगीन हवाओं के साथ उनकी भक्ति में रम जाते हैं। आइए, इस भजन को पढ़ें और खाटू श्याम के फाग महोत्सव का आनंद लें।
Khatu Wale Shyam Dhani Ka Faag Mahotsav Aa Gaya
खाटू में देखा अजब नज़ारा,
खाटू वाले श्याम धणी का,
फाग महोत्सव आ गया,
श्याम जी घनश्याम जी,
जय श्री श्याम जी।।1।।
सज गया खाटू धाम हमारा,
हारे का बाबा श्याम सहारा,
बाबा ऐसे करिश्में दिखाऐ,
चमका दे वो बुलंद पे सितारा,
भक्तों का रैला सा आ गया,
खाटू वाले श्याम धनी का,
फाग महोत्सव आ गया,
श्याम जी घनश्याम जी,
जय श्री श्याम जी।।2।।
खाटू का ये दरबार निराला,
दूल्हा बन बैठा श्याम हमारा,
नगरी महकी इत्तर से तुम्हारी,
केसर चंदन गुलाल लगाया,
रंग गुलाल का त्यौहार आ गया,
खाटू वाले श्याम धनी का,
फाग महोत्सव आ गया,
श्याम जी घनश्याम जी,
जय श्री श्याम जी।।3।।
ढ़ोल नगाड़े बजे नगरी तुम्हारी,
खाटू की मिट्टी स्वर्ग से प्यारी,
हमने ऐसा किया भी कुछ नहीं,
रहमत बरसे तेरी श्याम मुरारी,
तेरी भक्ति में आनंद वो आ गया,
खाटू वाले श्याम धनी का,
फाग महोत्सव आ गया,
श्याम जी घनश्याम जी,
जय श्री श्याम जी।।4।।
खाटू में देखा अजब नज़ारा,
खाटू वाले श्याम धणी का,
फाग महोत्सव आ गया,
श्याम जी घनश्याम जी,
जय श्री श्याम जी।।5।।
श्याम बाबा के साथ हर उत्सव और पर्व एक विशेष आनंद लेकर आता है, और उनका यह आशीर्वाद हमें हर दिन अनुभव होता है। इस भजन की खुशी और उत्साह को पीला रे पीला काई करो सहेल्या रे, सावन में झुलाओ झूला हमारे बाँके बिहारी को, रुत या सावन की आई, झूलन पधारो कान्हा बाग में, किशोरी किशन झूला पर विराजे जैसे अन्य भजनों में भी महसूस किया जा सकता है। आइए, इन भजनों को भी पढ़ें और श्याम बाबा के साथ इस फाग महोत्सव में डूबकर उनके प्रेम और आशीर्वाद का अनुभव करें। जय श्री श्याम! 🙏💛