Kaun Disha Mien Tori Baje Re Muraliya
कौन दिशा में तोरी,
बाजे रे मुरलिया,
सूरत प्यारी ओ बनवारी,
जरा देखन दे, देखन दे,
कौन दिशा में तेरी,
बाजे रे मुरलिया।।
मुरली की धुन सुनके सभी है,
दर्शन को बेचैन हो,
राधा की सुधबुध खोई है,
कैसे कटेगी रैन हो,
पंख पखेरू अरु नर नारी,
सबके व्याकुल नैन हो,
अंखियों से दूर कहां,
गया ओ रे छलिया,
सूरत प्यारी ओ बनवारी,
जरा देखन दे, देखन दे,
कौन दिशा में तेरी,
बाजे रे मुरलिया।।
गोकुल वासी भी व्याकुल है,
कब आओगे गांव हो,
गोपी हो या ब्रज बालाएं,
सबके थक गए पांव हो,
आओ मोहन तुमको पुकारे,
आज कदम की छांव हो,
तुमको पुकारे कान्हा,
राधा की पायलिया,
सूरत प्यारी ओ बनवारी,
जरा देखन दे, देखन दे,
कौन दिशा में तेरी,
बाजे रे मुरलिया।।
फिर से फोड़ो राधा की मटकी,
तुम कंकरिया मार दो,
प्रेम के भूखे सब ही यहां है,
सबको आकर प्यार दो,
विप्र सुदामा को तारे हो जैसे,
भक्तों को भी तार दो,
गैया चराने आओ,
छोड़ के महलिया,
सूरत प्यारी ओ बनवारी,
जरा देखन दे, देखन दे,
कौन दिशा में तेरी,
बाजे रे मुरलिया।।
कौन दिशा में तोरी,
बाजे रे मुरलिया,
सूरत प्यारी ओ बनवारी,
जरा देखन दे, देखन दे,
कौन दिशा में तेरी,
बाजे रे मुरलिया।।