श्रीकृष्ण, जिनकी आँखें कमल के समान सुंदर हैं, जो भक्तों के जीवन में प्रेम, आनंद और शांति का संचार करते हैं, उन्हीं की महिमा का वर्णन कमली वाले कमल नैन मोहन भजन में किया गया है। यह भजन कान्हा की उस मोहक छवि को हमारे हृदय में अंकित करता है, जहाँ वे अपनी मुरली की मधुर तान से संसार के हर प्राणी को अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। आइए, इस भजन को पढ़ें और श्रीकृष्ण की अनुपम महिमा का अनुभव करें।
Kamli Wale Kamal Nain Mohan
कमली वाले कमल नैन मोहन,
मेरे नैनन में वो बस गए है,
रात दिन उनके ही गीत गाऊं,
मेरे होठन में वो बस गए है।।1।।
मोहना की हुई मैं दीवानी,
मेरे जीवन की बदली कहानी,
जागतें सोते उनको ही देखू,
मेरे सपनन में वो बस गए है,
कमली वालें कमलनैन मोहन,
मेरे नैनन में वो बस गए है।।2।।
सांवरे की लिए ही सजू मैं,
साँसों में श्याम को ही भजू मैं,
उनकी होके हुई रसभरी मैं,
मेरे जीवन में वो बस गए है,
कमली वालें कमलनैन मोहन,
मेरे नैनन में वो बस गए है।।3।।
सांवरे की हुई सांवरी मैं,
लोग कहते हुई बावरी मैं,
प्रीत नन्दलाल से है पुरानी,
मेरे सुमिरन में वो बस गए है,
कमली वालें कमलनैन मोहन,
मेरे नैनन में वो बस गए है।।4।।
मैंने गोपाल को चित्त में धारा,
‘भुल्लन त्यागी’ लगे वो ही प्यारा,
किरपा कर दीनी करुणा निधि ने,
मेर तन मन में वो बस गए है,
कमली वालें कमलनैन मोहन,
मेरे नैनन में वो बस गए है।।5।।
कमली वाले कमल नैन मोहन,
मेरे नैनन में वो बस गए है,
रात दिन उनके ही गीत गाऊं,
मेरे होठन में वो बस गए है।।6।।
श्रीकृष्ण का सौंदर्य, उनकी करुणा और उनकी भक्ति अनंत है। उनकी इस दिव्यता और प्रेम को किशोरी किशन झूला पर विराजे, नंदलाला प्रगट भये आज बिरज में लड्डूवा बंटे, रुत या सावन की आई, झूलन पधारो कान्हा बाग में, आया सावन झूला झूले राधा कुंज बिहारी से जैसे अन्य भजनों में भी अनुभव किया जा सकता है। आइए, इन भजनों को भी पढ़ें और श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन होकर उनके प्रेम और आशीर्वाद का अनुभव करें। जय श्री कृष्ण! 🙏💛