कलाई थाम कर रखना मुसीबत सिर पे भारी है

Kalai Tham Kar Rakhna Musibat Sir Pe Bhari Hai

कलाई थाम कर रखना,
मुसीबत सिर पे भारी है,
बचाना हर मुसीबत से,
तुम्हारी जिम्मेदारी है,
कलाईं थाम कर रखना,
मुसीबत सिर पे भारी है।।

भरोसा है बहुत तुम पर,
भरोसा टूट ना जाए,
जो निकले आँख से आंसू,
तो बदनामी तुम्हारी है,
कलाईं थाम कर रखना,
मुसीबत सिर पे भारी है।।

पलभर के लिए हटना,
हमारे साथ ही रहना,
धड़कता दिल मेरा धक धक,
बहुत ही बेकरारी है,
कलाईं थाम कर रखना,
मुसीबत सिर पे भारी है।।

हवाले कर दी है कश्ती,
चलाओ जैसे तुम चाहो,
सौंप दी डोर हाथों में,
जिंदगी की हमारी है,
कलाईं थाम कर रखना,
मुसीबत सिर पे भारी है।।

किनारे तक चलो लेकर,
अगर पतवार ले ली है,
‘बेधड़क’ नाव तूफां में,
भरोसे से उतारी है,
कलाईं थाम कर रखना,
मुसीबत सिर पे भारी है।।

कलाई थाम कर रखना,
मुसीबत सिर पे भारी है,
बचाना हर मुसीबत से,
तुम्हारी जिम्मेदारी है,
कलाईं थाम कर रखना,
मुसीबत सिर पे भारी है।।

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