ज्योत निरखबा आयो जी सांवरिया थारी

जब भक्त का मन भक्ति की लौ से प्रज्वलित होता है, तब वह अपने आराध्य के दर्शन की अभिलाषा में रम जाता है। ज्योत निरखबा आयो जी सांवरिया थारी भजन इसी प्रेम और समर्पण का प्रतीक है, जहाँ भक्त सांवरे के दरबार में आकर उनकी ज्योत के दर्शन करता है और अपने मन के अंधकार को दूर करता है। बाबा श्याम की कृपा से जीवन प्रकाशमय हो जाता है, और हर कठिनाई स्वतः ही दूर हो जाती है। आइए, इस भजन को पढ़ें और श्री श्याम की दिव्यता का अनुभव करें।

Jyot Nirakhaba Aayo Ji Sawariya Thari

ज्योत निरखबा आयो जी,
सांवरिया थांरी,
कांकडी गावण नै आयो हो,
ध्वजाबन्द थांरा,
दरसण करबा आयो,
ज्योत निरखबा आयो जी,
सांवरिया थांरा,
कांकडा गावण नै आयो हो,
ध्वजाबन्द थांरा,
हुकम मांगबा आयो।।1।।

कै रे कोसां मं थांको,
देवरो ओ बाबा जी,
कै रे कोसां मं जागै ज्योत,
खाटू का थांरा,
दरसण करबा आयो,
अस्सी अे कोसां मं थांको,
देवरो ओ बाबा जी,
सगळ सृष्टि मं जागै ज्योत,
खाटू का थांरा,
हुकम मांगबा आयो।।2।

कै लख आवै थांकै,
बांझणी ओ बाबा जी,
कै लख बालूडा री मांय,
खाटू का थांरा,
दरसण करबा आयो,
नौ लख आवै थांकै,
बांझणी ओ बाबा जी,
दस लख बालूडा री मांय,
खाटू का थांरा,
हुकम मांगबा आयो।।3।

के रज मांगै,
बांझणी ओ बाबा जी,
के रज बालूडा री मांय,
खाटू का थांरा,
दरसण करबा आयो,
पुत्तर मांगै,
बांझणी ओ बाबा जी,
अन्न धन बालूडा री मांय,
खाटू का थांरा,
हुकम मांगबा आयो।।4।।

पुत्तर देस्यां,
बांझणी ओ भगतां,
अन्न धन,
बालूडा री मांय,
खाटू का थांरा,
दरसण करबा आयो,
जातण आवै थांरै,
कुळ-बहु ओ बाबा जी,
गोद जडूला ल्यावै पूत,
खाटू का थांरा,
हुकम मांगबा आयो।।5।

जातरी तो आवै थांरै,
दूर का ओ बाबा जी,
सांवलिया मोट्यार,
खाटू का थांरा,
हुकम मांगबा आयो।।6।।

लीलो सो घोडो,
हांसलो ओ बाबा जी,
ज्यां पै श्याम,
धणी असवार,
खाटू का थांरा,
दरसण करबा आयो,
चढै चढावो थांकै,
चूरमो ओ बाबा जी,
नारेळां री बौछार,
खाटू का थांरा,
हुकम मांगबा आयो।।7।।

जो थांरी निन्दरा,
करै ओ बाबा जी,
बांनै थे पटक पछाड,
खाटू का थांरा,
दरसण करबा आयो,
जो थांकी सेवा,
करै ओ बाबा जी,
भर देवो भण्डार,
खाटू का थांरा,
हुकम मांगबा आयो।।8।।

ज्योत निरखबा आयो जी,
सांवरिया थांरी,
कांकडी गावण नै आयो हो,
ध्वजाबन्द थांरा,
दरसण करबा आयो,
ज्योत निरखबा आयो जी,
सांवरिया थांरा,
कांकडा गावण नै आयो हो,
ध्वजाबन्द थांरा,
हुकम मांगबा आयो।।9।।

श्याम बाबा के दरबार की ज्योत केवल एक दीपक नहीं, बल्कि भक्तों के जीवन में उम्मीद और श्रद्धा का प्रतीक है। जो भी सच्चे मन से उनकी शरण में आता है, उसकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसी भाव को मेरे साथ मेरा खाटू वाला, खाटू दूर है मगर खाटू वाला नहीं, बाबा पे विश्वास होना चाहिए, विश्वास है तो सहारा मिलेगा जैसे भजनों में भी महसूस किया जा सकता है। आइए, इन भजनों को भी पढ़ें और बाबा श्याम की भक्ति में लीन हो जाएं। जय श्री श्याम! 🙏💛

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