जादू कर गयो यशोमत को ये लाल

भगवान श्रीकृष्ण का बाल रूप हर भक्त के मन को मोह लेता है। उनकी लीला, उनकी मुस्कान, उनकी भोली चितवन—सब कुछ दिव्य और चमत्कारी है। जादू कर गयो यशोमत को ये लाल भजन इस भावना को प्रकट करता है कि कैसे नटखट कान्हा अपनी बाल लीलाओं से यशोदा मैया को मोहित कर देते हैं। जब कन्हैया अपनी भोली अदाओं से माखन चुराते हैं, गायों को चराते हैं, और अपनी बांसुरी की मधुर तान से पूरे ब्रज को मोहित कर लेते हैं।

Jadu Kar Gayo Yashomat Ko Ye Lal

जादू कर गयो यशोमत को ये लाल,
जा के नैना कारे टेढ़ी चाल,
जादु कर गयो यशोमत को ये लाल।।

निंदिया ना आवे रोज़ सतावे,
सौत मुरलिया मोहे जगावे,
नैना जा के है कमाल,
जादु कर गयो यशोमत को ये लाल।।

कुञ्ज बिहारी श्री हरिदासी,
करुणा की है आस ज़रा सी,
मन बस गयो मेरो बांको लाल,
जादु कर गयो यशोमत को ये लाल।।

जादू कर गयो यशोमत को ये लाल,
जा के नैना कारे टेढ़ी चाल,
जादु कर गयो यशोमत को ये लाल।।

श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का रसास्वादन हर भक्त के लिए आनंदमय अनुभव है। जब जब हम उनका स्मरण करते हैं, मन भक्ति में रम जाता है। यदि यह भजन आपके हृदय को छू गया है, तो “नंदलाला प्रगट भये आज बिरज में लड्डूवा बटें”, “कान्हा ले गयी जिया तेरी मुरली मधुर”, “मेरे दीन दयाल नंदलाल हरि वृंदावन मोहे बुला लेना”, और “तेरी छवि निराली श्री वृन्दावन बिहारी” जैसे भजनों को भी अवश्य पढ़ें। राधे राधे!

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