होरी खेले राधा संग ये नटखट नंद किशोर

होरी खेले राधा संग ये नटखट नंद किशोर भजन में कृष्ण जी की नटखट मुरलीधर रूप में होली खेलने की छवि दर्शायी गई है। इस भजन में राधा और कृष्ण की होली के रंगों में खो जाने की बात की जा रही है, जहां राधा कृष्ण के संग होली खेलती हैं। भजन हमें बताता है कि किस प्रकार श्री कृष्ण अपने नटखट रूप में राधा के साथ रंगों से खेलते हुए उनकी दुनिया को आनंदित करते हैं।

Hori Khele Radha Sang Ye Natkhat Nand Kishor

बड़ा नटखट है,
माँ तेरा नंद किशोर,
होरी खेले राधा संग,
ये नटखट नंद किशोर।।

ओढ़ के आई कान्हा,
नयी रे चुनरिया,
भर पिचकारी मेरे,
मारो ना सांवरिया,
भर पिचकारी मारी,
और कर दीनी सराबोर,
होली खेले राधा संग,
ये नटखट नंद किशोर।।

उड़त गुलाल श्याम,
लाल भए बदरा,
राधा की आंखन को,
बिगड़ो है कजरा,
ननंद दे तानो,
घर सास करे सोर,
होली खेले राधा संग,
ये नटखट नंद किशोर।।

गैल हमारी,
रोके ना मुरारी,
भर पिचकारी मेरी,
चुनरी पे मारी,
दधि बेचन को आई,
मोए घेर लई है भोर,
होली खेले राधा संग,
ये नटखट नंद किशोर।।

ग्वाल बाल सब कोई,
खेलत होरी,
सखियों के मुख पर,
मल दई रोरी,
देख के ब्रज की होली,
घन सो मन उठी हिलोर,
होली खेले राधा संग,
ये नटखट नंद किशोर।।

बड़ा नटखट है,
माँ तेरा नंद किशोर,
होरी खेले राधा संग,
ये नटखट नंद किशोर।।

कृष्ण जी की नटखट मूरत और उनके साथ होली खेलना हमें जीवन के सारे दुखों को भुला कर खुशी और प्रेम से भर देता है। जैसे राधा और कृष्ण एक-दूसरे के साथ होली खेलते हैं, वैसे ही हम भी कृष्ण के भजनों में डूब कर उनके रंगों में रंग सकते हैं। यदि आपको यह भजन पसंद आया हो, तो “रंग रंगीलो फागुन आयो श्याम बुलावो भेज्यो जी”, “तेरे चेहरे में वो जादू है कृष्ण”, और “सांवरे हारे का सहारा तेरा नाम है” जैसे भजन भी आपके मन को शांति और प्रेम देंगे। जय श्री कृष्ण!

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