होली खेलूंगी मैं खाटू वाले सांवरिया भजन में खाटू वाले श्याम के प्रति भक्तों का प्रेम और श्रद्धा व्यक्त होती है। इस भजन में भक्त अपने दिल में रंगों से भरी होली खेलने की इच्छा जाहिर करते हैं, और खाटू धाम के श्याम से आशीर्वाद प्राप्त करने की बात करते हैं। भजन में यह संदेश है कि खाटू वाले श्याम के संग होली का हर रंग पवित्र और आनन्दित करने वाला होता है।
Holi Khelungi Main Khatu Wale Sawariya
होली खेलूंगी मैं खाटू वाले सांवरिया,
होरी खेलूंगी,
तो से होरी खेलूंगी,
मैं खाटू वाले सांवरिया
होरी खेलूंगी।।
लाल गुलाल वा के मुख पे मलूँगी,
रंग डारूंगी उसे मैं सारी रे,
होरी खेलूंगी।।
भर पिचकारी मेरे सन्मुख मारी,
रंग डारी वा ने सारी रे,
होरी खेलूंगी।।
खाटू धाम में गुलाल उड़त है,
श्याम सांवरिया सबपे रंग डारत है,
वो तो नैनन से तीर चलावे री,
होरी खेलूंगी।।
‘कृष्ण पल्लवी’ या पे तन मन वारे,
तन मन वारे या पे जोबन वारे,
या को होरी के भाव सुनावे री,
होरी खेलूंगी।।
होली खेलूंगी मैं खाटू वाले सांवरिया,
होरी खेलूंगी,
तो से होरी खेलूंगी,
मैं खाटू वाले सांवरिया
होरी खेलूंगी।।
खाटू वाले श्याम के संग होली का खेल सच्चे प्रेम और भक्ति का प्रतीक है, जहाँ भक्त अपने हृदय को कृष्ण के रंगों से रंगने की इच्छा रखते हैं। श्याम की कृपा से जीवन में रंगों की बहार और खुशियाँ छा जाती हैं। यदि आपको यह भजन पसंद आया हो, तो “होरी खेले राधा संग ये नटखट नंद किशोर”, “तेरी छवि निराली श्री वृन्दावन बिहारी”, और “सांवरे हारे का सहारा तेरा नाम है” जैसे भजन भी आपको कृष्ण की भक्ति में और अधिक रंगीन अनुभव देंगे। जय श्री कृष्ण!