हे कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी—यह भजन भगवान श्रीकृष्ण की महिमा, उनकी कृपा और उनके अनंत प्रेम को दर्शाता है। जब भक्त मन, वचन और कर्म से कृष्ण नाम का जाप करते हैं, तो हर दुख, कष्ट और मोह-माया स्वतः ही दूर हो जाती है। यह भजन हमें भगवान कृष्ण के चरणों में शरण लेने और उनकी दिव्य कृपा का अनुभव करने की प्रेरणा देता है। आइए, इस भजन के माध्यम से हम भी गोविंद, मुरारी और मधुसूदन की भक्ति में लीन हों।
Hey Krishna Govind Hare Murari Lyrics
हे कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा,
विनती हमारी सुन ले मुरारी,
आये है हम तो दर पे तेरे,
ओ बनवारी,
हे कृष्ण गोविंद हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।1।
गोकुल मेरे होंठों पे हो,
मथुरा मेरी आँखों में हो,
हो द्वारिका की मन में छवि,
एक वृन्दावन मेरी साँसो में हो,
एक वृन्दावन मेरी साँसो में हो,
हे कृष्ण गोविंद हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।2।
इतनी कृपा हम पे करो,
रंग मे तेरे रंग जाये हम,
भूले से भी ना तुझको प्रभु,
दिल से कभी बिसराये हम,
दिल से कभी बिसराये हम,
हे कृष्ण गोविंद हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।3।
हे कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा,
विनती हमारी सुन ले मुरारी,
आये है हम तो दर पे तेरे,
ओ बनवारी,
हे कृष्ण गोविंद हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।4।
भगवान श्रीकृष्ण सर्वदा अपने भक्तों की रक्षा करने वाले, प्रेम और करुणा से परिपूर्ण हैं। यह भजन हमें कृष्ण नाम की महिमा का अनुभव कराता है और हमें उनके श्रीचरणों में समर्पण की प्रेरणा देता है। यदि यह भजन आपको पसंद आया, तो “सांवरिया म्हाने थारो दीदार चाहिए, रुत आगी रे बाबा जी से बोलन की, और “सारी दुनिया में गूंज रहा बस एक ही नारा है” जैसे भजनों को भी अवश्य पढ़ें और श्रीकृष्ण भक्ति में डूब जाएं। हरे कृष्ण! 🙏💙