जब तक हम श्याम बाबा के आशीर्वाद से दूर रहते हैं, तब तक जीवन में असंख्य परेशानियां और खालीपन महसूस होता है। गर सांवरे से मेरी पहचान नहीं होती भजन यह व्यक्त करता है कि अगर श्याम बाबा से हमारा जुड़ाव न होता, तो हमारा जीवन अधूरा और निरर्थक होता। आइए, इस भजन को पढ़ें और महसूस करें कि श्याम बाबा के आशीर्वाद से ही जीवन में सही पहचान और दिशा मिलती है।
Gar Sanware Se Meri Pahchan Nahi Hoti
गर सांवरे से मेरी,
पहचान नहीं होती,
होठों पे आज मेरे,
मुस्कान नहीं होती,
ये हाथ ना पकड़ता,
तो दर बदर भटकता,
ये जिंदगी भी इतनी,
आसान नहीं होती,
गर साँवरे से मेरी,
पहचान नहीं होती।।1।।
अपनों के बीच रहकर,
भी हम तो थे अकेले,
हर ओर सिर्फ देखे,
रिश्तों के झूठे मेले,
ये दिन अगर ना आते,
हम कैसे जान पाते,
अच्छे बुरे की हमको,
पहचान नहीं होती,
गर साँवरे से मेरी,
पहचान नहीं होती।।2।।
हमने बना ली बाबा,
झूठे जहां से दूरी,
इस जिंदगी में केवल,
बस श्याम है जरूरी,
जिस बाग का तू माली,
रहती वहां हरियाली,
पतझड़ में भी वो बगिया,
वीरान नहीं होती,
गर साँवरे से मेरी,
पहचान नहीं होती।।3।।
जीवन में मुश्किलों का,
रहता है आना जाना,
‘माधव’ वही है सच्चा,
मेरे श्याम का दीवाना,
तूफान से जो लड़ता,
बेखौफ आगे बढ़ता,
कमजोर साँवरे की,
संतान नहीं होती
गर साँवरे से मेरी,
पहचान नहीं होती।।4।।
गर सांवरे से मेरी,
पहचान नहीं होती,
होठों पे आज मेरे,
मुस्कान नहीं होती,
ये हाथ ना पकड़ता,
तो दर बदर भटकता,
ये जिंदगी भी इतनी,
आसान नहीं होती,
गर साँवरे से मेरी,
पहचान नहीं होती।।5।।
श्याम बाबा के आशीर्वाद से ही हमारे जीवन में सही मार्गदर्शन और शांति मिलती है। उनके बिना जीवन के कोई भी संघर्ष हल नहीं हो सकते। इस दिव्य प्रेम को अब हार गया हूँ श्याम, हारे के सहारे श्याम, मुझे गले लगा लो ना, तेरे भजनों में है जादू महसूस तुझे ही करूं मैं, मांगो दातार से खाटू दरबार से जैसे अन्य भजनों में भी महसूस किया जा सकता है। आइए, इन भजनों को भी पढ़ें और श्याम बाबा के आशीर्वाद और कृपा का अनुभव करें। जय श्री श्याम! 🙏💛