फागुन का मेला आ गया चल चलिए चल चलिए

फागुन का मेला आ गया चल चलिए चल चलिए यह भजन फागुन माह के आगमन और श्याम बाबा के भक्तों के लिए उस समय की विशेष धार्मिक महत्वता को दर्शाता है। फागुन का महीना होली के रंगों से भरा होता है, और इस भजन में श्याम बाबा के भक्तों को इस समय के पवित्र मेलों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाता है। यह भजन उत्सव की खुशियों और श्याम बाबा की उपस्थिति से प्रेम और भक्ति की भावना को प्रकट करता है।

Fagun Ka Mela Aa Gaya Chal Chaliye Chal Chaliye

फागुन का मेला आ गया,
चल चलिए चल चलिए,
मेरे श्याम का मेला आ गया,
चल चलिए चल चलिए,
मेरा बाबा लखदातार,
कर दे नैया भव से पार,
अब मैं इससे ज्यादा क्या कहूं,
मेरा सांवरा मन को भा गया,
चल चलिए चल चलिए,
मेरे श्याम का मेला आ गया,
चल चलिए चल चलिए।।

है लीले की असवारी,
वो तीन बाण का धारी,
संकट पल में हर लेता,
ये भक्तों हितकारी,
वो मोरछड़ी लहरा गया,
चल चलिए चल चलिए,
मेरे श्याम का मेला आ गया,
चल चलिए चल चलिए।।

बाजे ढोल नगाड़े,
सब नाचे श्याम के द्वारे
भक्तों की लगी कतारे,
सब बोल रहे जयकारे,
हारे का सहारा आ गया,
चल चलिए चल चलिए,
मेरे श्याम का मेला आ गया,
चल चलिए चल चलिए।।

कांधे पे निशान रख के,
जो भी रिंगस से लाया,
सांवरिया ने फिर उसका,
हर बिगड़ा काम बनाया,
और ‘सुमित’ भी खाटू आ गया,
चल चलिए चल चलिए,
मेरे श्याम का मेला आ गया,
चल चलिए चल चलिए।।

फागुन का मेला आ गया,
चल चलिए चल चलिए,
मेरे श्याम का मेला आ गया,
चल चलिए चल चलिए,
मेरा बाबा लखदातार,
कर दे नैया भव से पार,
अब मैं इससे ज्यादा क्या कहूं,
मेरा सांवरा मन को भा गया,
चल चलिए चल चलिए,
मेरे श्याम का मेला आ गया,
चल चलिए चल चलिए।।

फागुन का मेला आ गया भजन भक्तों को श्याम बाबा के दर्शन के लिए उत्साहित करता है और उनके जीवन में रंगों के साथ-साथ भक्ति और प्रेम की रौनक बढ़ाने की प्रेरणा देता है। यह भजन न केवल होली के पर्व की खुशी को समर्पित है, बल्कि यह श्याम बाबा के आशीर्वाद और भक्तों के प्रति उनके अनंत प्रेम को भी दर्शाता है। इस भजन के माध्यम से भक्त श्याम बाबा के धाम जाने का निमंत्रण पाते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने का विश्वास करते हैं। श्याम के अन्य भजनों जैसे “तेरी छवि निराली” और “श्याम धणी की कृपा से सब अच्छा ही अच्छा होएगा” से भक्ति की राह और भी प्रगाढ़ होती है। जय श्री श्याम!

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