फागुन का महीना रंगों में रंगे हाथ

फागुन का महीना आते ही पूरे ब्रज में उल्लास और भक्ति की अनोखी लहर दौड़ जाती है। रंगों से सराबोर यह समय भक्तों को श्रीकृष्ण की रासलीला और प्रेममयी होली की याद दिलाता है। फागुन का महीना रंगों में रंगे हाथ भजन भी इसी भक्तिमय माहौल को सजीव करता है, जहाँ हर कोई श्रीकृष्ण के प्रेम में रंग जाना चाहता है। आइए इस मधुर भजन के माध्यम से कृष्ण प्रेम और फागुन की मस्ती में डूब जाएं।

Fagun Ka Mahina Rango Me Range Hath

फागुन का महीना,
रंगों में रंगे हाथ।1।

दोहा – आयो फागुन आयो,
मेरे श्याम का मन हर्षायो,
श्याम तुम्हारे भक्त तेरे दर,
होली खेलन आयो।2।

फागुन का महीना,
रंगों में रंगे हाथ,
होली खेलेंगे हम,
सांवरिया तेरे साथ,
होली खेलेंगे हम,
सांवरिया तेरे साथ।।3।।

दूर से आया बाबा,
मैं तेरे द्वारे,
द्वार तुम्हारे देखूं,
होली के नजारे,
रंग-बिरंगी लड़ियां,
है रंगों की सौगात,
होली खेलेंगे हम,
सांवरिया तेरे साथ।।4।।

रंग गुलाल उड़े,
उड़े तेरे द्वारे,
बैठे हो कहां आओ,
हारे के सहारे,
दर्श दिखाओ हमको,
हमारे दीनानाथ,
होली खेलेंगे हम,
सांवरिया तेरे साथ।।5।।

झूम झूम सारे प्रेमी,
आपको रिझाएं,
‘आनन्द’ भी नाचे और,
सभी को नचाये,
हम क्या नाचे बाबा,
हमारी क्या औकात,
होली खेलेंगे हम,
सांवरिया तेरे साथ।।6।।

फागुण का महीना,
रंगों में रंगे हाथ,
होली खेलेंगे हम,
सांवरिया तेरे साथ,
होली खेलेंगे हम,
सांवरिया तेरे साथ।।7।।

भगवान श्रीकृष्ण की होली केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि आत्मा और परमात्मा के मिलन का उत्सव है। जब भक्त प्रेम के रंग में रंग जाता है, तो उसका जीवन आनंदमय हो उठता है। कृष्ण रस में भीगे ऐसे ही और भजन जैसे बरसाने में होली खेल रहे हैं नंदलाल, राधा के रंग में रंगा है श्याम, होली खेल रहे हैं गिरधारी, चलो वृंदावन धाम होली खेलने भी हमें कृष्ण की अलौकिक होली से जोड़ते हैं। आइए इन भजनों को भी पढ़ें और श्रीकृष्ण के दिव्य प्रेम में रंग जाएं। राधे-राधे! 🙏🎨💛

Share

Leave a comment