दीनबन्धु दीनानाथ मेरी सुध लीजिये

जब जीवन के कठिन मोड़ पर कोई सहारा नजर नहीं आता, तब भक्त अपने आराध्य की शरण में आकर प्रार्थना करता है। दीनबन्धु दीनानाथ मेरी सुध लीजिए भजन भी इसी भाव को प्रकट करता है, जहाँ एक भक्त अपने दयालु प्रभु श्रीकृष्ण से अपनी सुध लेने की विनती करता है। आइए, इस भजन को पढ़ें और अपने मन को श्रीकृष्ण की शरण में अर्पित करें।

Deenbandhu Deenanath Meri Sudh Lijiye

दीनबन्धु दीनानाथ,
मेरी सुध लीजिये,
आया है तूफान नैया,
पार कर दीजिए।।1।।

दास हूँ पुराणों तेरो,
श्याम सरकार मैं,
तेरे ही भरोसे छोड़ी,
नाव मझधार में,
ध्वजाबन्ध धारी घणी,
देर मत कीजिये,
आया है तूफान नैया,
पार कर दीजिए।।2।।

बाँकी सी लटक में,
अटक गया प्राण है,
तू ही मोटो सेठ मेरो,
तू ही जजमान है,
प्रीत की पुकार या ही,
प्रेम रस दीजिये,
आया है तूफान नैया,
पार कर दीजिए।।3।।

बाँसुरी ने तेरी चित्त,
चोर लियो मेरो है,
चरणां के माही,
थारैं दास को बसेरों है,
प्रीत की पुकार,
दिलदार सुण लीजिये,
आया है तूफान नैया,
पार कर दीजिए।।4।।

‘श्याम बहादुर’ ‘शिव’,
श्याम को गुलाम है,
हाजरी बजाणो और,
मनाणों मेरों काम है,
भीख दे दया की मेरी,
झोली भर दीजिये,
आया है तूफान नैया,
पार कर दीजिए।।5।।

दीनबन्धु दीनानाथ,
मेरी सुध लीजिये,
आया है तूफान नैया,
पार कर दीजिए।।6।।

श्रीकृष्ण कभी भी अपने भक्तों को अकेला नहीं छोड़ते। जब-जब भक्त पुकारते हैं, वे सदा उनकी रक्षा और मार्गदर्शन करते हैं। उनकी इस करुणा और कृपा को कान्हा तेरी बंसी पागल कर जाती है, श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम, राधे-राधे जपो चले आएंगे बिहारी, बाल गोपाल मेरी नैया के खिवैया जैसे अन्य भजनों में भी अनुभव किया जा सकता है। आइए, इन भजनों को भी पढ़ें और श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन होकर अपने जीवन को धन्य करें। जय श्रीकृष्ण! 🙏💛

Share

Leave a comment