ऐवे रूसिया ना कर मेरी जान सजना

श्रीकृष्ण और भक्त के प्रेम में एक अनोखी मिठास होती है, जहाँ कभी प्रेम की गहराई होती है तो कभी मनुहार का भाव। ऐवे रूसिया ना कर मेरी जान सजना भजन भी भक्त की उसी भावना को प्रकट करता है, जहाँ वह अपने प्रिय ठाकुर जी से मनुहार कर रहा है कि वे रूठें नहीं, बल्कि प्रेम और कृपा बनाए रखें। यह भजन भक्त और भगवान के बीच के मधुर संबंध को दर्शाता है, जिससे हर कृष्ण प्रेमी स्वयं को जोड़ सकता है।

Ave Rusya Na Kar Meri Jaan Sajna

ऐवे रूसिया ना कर मेरी जान सजना,
इक दिन छड जाना एह जहां सजना,
कोई अपना होवे ते दुःख सुख वंडदा,
किसे गैर ते की करिये की मान सजना,
कदे साडा वी तू बन मेहमान सजना,
इक दिन छड जाना एह जहां सजना
एवे रूसिया ना कर मेरी जान सजना।।1।।

तुम जान अयोग्य बिसारो मुझे,
पर मैं ना तुम्हे बिसराया करूँ,
मेरी इसमे ख़ुशी तुम रूठा करो,
मैं अकेले में तुमको मनाया करूँ,
मेरे रोने पे तुमको जो आये हंसी,
तो मैं रो रो के तुम को हंसाया करूँ,
तेरे चरणों की धूलि को चन्दन समझ,
मैं तो माथे पे अपने सजाया करूँ।।2।।

इक दूजे दा कदी न दिल तोडिये,
ना तोडिये,
मुख सजना तो कदी वी ना मोड़िये,
ना मोड़ीये,
बेह के इश्क दी बेड़ी असा पार लंघना,
रब बादशाह ऐ साडा निगेहबान सजना,
होई तेरे बाजो दुनिया वीरान सजना,
इक दिन छड जाना एह जहां सजना
एवे रूसिया ना कर मेरी जान सजना।।3।।

अग अपने इश्क वाली सेकिये,
आजा सेकिये,
पीछा मुड के ना किसे वल वेखिये,
ना वेखीये,
मुख दिसे ना तेरा ते नहियो दिन चडदा,
तेरे दम नाल जान विच जान सजना,
वख रह के ना कर परेशान सजना,
इक दिन छड जाना एह जहां सजना
एवे रूसिया ना कर मेरी जान सजना।।4।।

औखा लंगदा ऐ वक़्त विछोडेया दा,
बिना यार गुजारा कौन करे,
दुनिया तो किनारा हो सकदे,
मोहन तो किनारा कौन करे,
मेरा जी नहियो लगदा यार बिना,
दुःख दर्द दा चारा कौन करे,
इक दिन होवे ता लंग जावे,
सारी उमर गुजारा कौन करे।।5।।

सीने ला लै तू सानु इक वार वे,
इक वार वे,
कले जीना नी आसा वी दिलदार वे,
दिलदार वे,
तेरे नाल जीवांगे तेरे नाल मरांगे,
असा तेरे नाल किती ऐ जुबान सजना,
सदा रहना नहियो जग ते निशान सजना,
इक दिन छड जाना एह जहां सजना
एवे रूसिया ना कर मेरी जान सजना।।6।।

ऐवे रूसिया ना कर मेरी जान सजना,
इक दिन छड जाना एह जहां सजना,
कोई अपना होवे ते दुःख सुख वंडदा,
किसे गैर ते की करिये की मान सजना,
कदे साडा वी तू बन मेहमान सजना,
इक दिन छड जाना एह जहां सजना
एवे रूसिया ना कर मेरी जान सजना।।7।।

भगवान श्रीकृष्ण अपने भक्तों के हर प्रेमपूर्ण आह्वान को सुनते हैं और उन्हें अपने स्नेह से भर देते हैं। जब मन में भक्ति की सच्ची लगन होती है, तो कान्हा स्वयं भक्त के हृदय में स्थान बना लेते हैं। श्रीकृष्ण की इस अपार करुणा और प्रेम को श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम, राधा के रंग में रंगा है श्याम, कान्हा तेरी बंसी पागल कर जाती है, राधे-राधे जपो चले आएंगे बिहारी जैसे अन्य भजनों में भी अनुभव किया जा सकता है। आइए, इन भजनों को भी पढ़ें और श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन होकर अपने मन को आनंदित करें। जय श्रीकृष्ण! 🙏💛

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