आयो फागण रंग रंगीलो, ले हाथा में निशान चलो —यह भजन फागुन महीने की आनंदमयी भक्ति और खाटू श्याम के निशान यात्रा का वर्णन करता है। जब फागुन का महीना आता है, तो श्याम भक्त उल्लास और प्रेम के रंगों में रंग जाते हैं। हाथों में निशान (ध्वज) लेकर, बाबा श्याम की भक्ति में लीन होकर भक्त खाटू नगरी की ओर बढ़ते हैं। यह भजन श्रद्धा, प्रेम और भक्ति से भरे इस अनोखे सफर का सुंदर चित्रण करता है। आइए, इस भजन के माध्यम से हम भी निशान यात्रा के आनंद में डूब जाएं।
Aayo Fagan Rang Rangeelo Le Hatha Me Nishan Chalo
आयो फागण रंग रंगीलो,
ले हाथा में निशान चलो,
म्हारे सांवरिया के धाम चलो।1।
खाटू वालो बाट निहारे,
खाटू वालो बाट निहारे,
छोड़ के सारे काम चलो,
म्हारे सांवरिया के धाम चलो।2।
छोड़ के सारी चिंता फिकरी,
छोड़ के सारी चिंता फिकरी,
ले बाबा को नाम चलो रे,
म्हारे सांवरिया के धाम चलो।3।
श्याम धनी हिवड़ा सु लगासी,
श्याम धनी हिवड़ा सु लगासी,
लेके यो अरमान चलो,
म्हारे सांवरिया के धाम चलो।4।
‘रजनी’ गावे भजन फाग का,
‘रजनी’ गावे भजन फाग का,
थे गाता जय श्री श्याम चलो,
म्हारे सांवरिया के धाम चलो।5।
आयो फागण रंग रंगीलो,
ले हाथा में निशान चलो,
म्हारे सांवरिया के धाम चलो।6।
फागुन का महीना आते ही श्याम भक्तों की टोली हाथों में निशान लिए बाबा के दरबार की ओर चल पड़ती है। यह भजन हमें श्याम भक्ति के रंग में रंगने और उनकी कृपा प्राप्त करने की प्रेरणा देता है। यदि यह भजन आपको पसंद आया, तो “फागुन का मेला आया है, मुझे श्याम से मिलने जाना है, श्याम पिया जी खेलो रंग के होली आई, और “खाटू में रंगों की बौछार है” जैसे भजनों को भी अवश्य पढ़ें और श्याम प्रेम में मग्न हो जाएं। जय श्री श्याम! 🙏🎶