आया हूँ दर तुम्हारे, जाने ना दे ओ प्यारे—यह भजन एक भक्त की गहरी भक्ति और समर्पण की भावना को दर्शाता है। जब कोई प्रेमी भक्त अपने आराध्य के दरबार में हाजिरी लगाता है, तो वह वापस जाने की इच्छा ही नहीं रखता। यह भजन श्याम बाबा के श्रीचरणों में ठहर जाने, उनकी भक्ति में लीन रहने और उनकी कृपा से जीवन को सार्थक बनाने की प्रार्थना करता है।
Aaya Hu Dar Tumhare Jaane Na De Vo Pyare
आया हूँ दर तुम्हारे,
जाने ना दे ओ प्यारे,
धुतकारते मुझे वो,
धुतकारते मुझे वो,
जिनका मैं हूँ सगा रे,
आया हूं दर तुम्हारें,
जाने ना दे ओ प्यारे।1।
इक बार मेरे बाबा,
किस्मत मेरी संवारो,
सबको तुम्ही ने तारा,
मुझको भी तो निहारो,
कोई नहीं है मेरा,
कोई नहीं है मेरा,
चरणों में दो जगह रे,
आया हूं दर तुम्हारें,
जाने ना दे ओ प्यारे।2।
अब तक हर एक पल ये,
रो रो के है निकाला,
क्या चाहता जता दे,
आज भी रुलाया,
बस हार के ही आया,
बस हार के ही आया,
जीत नहीं यहाँ से,
आया हूं दर तुम्हारें,
जाने ना दे ओ प्यारे।3।
इस ‘श्याम’ ने तो तुझको,
तेरे नाम से पुकारा,
भक्तों ने जो बताया,
वहीं नाम मैंने गाया,
ॐ श्री श्याम देवाय नमः,
ॐ श्री श्याम देवाय नमः,
जपते सभी यहाँ रे,
आया हूं दर तुम्हारें,
जाने ना दे ओ प्यारे।4।
आया हूँ दर तुम्हारे,
जाने ना दे ओ प्यारे,
धुतकारते मुझे वो,
धुतकारते मुझे वो,
जिनका मैं हूँ सगा रे,
आया हूं दर तुम्हारें,
जाने ना दे ओ प्यारे।5।
श्याम बाबा के दर पर जो आता है, वह उनकी कृपा और प्रेम में खो जाता है। यह भजन हमें भक्ति के उस मधुर एहसास से जोड़ता है, जहां हर भक्त बाबा के दर पर ठहरने की प्रार्थना करता है। यदि यह भजन आपको पसंद आया, तो “सांवरिया म्हाने थारो दीदार चाहिए, रुत आगी रे बाबा जी से बोलन की“, और “फागुन का मेला आया है, मुझे श्याम से मिलने जाना है” जैसे भजनों को भी अवश्य पढ़ें और श्याम प्रेम में रम जाएं। जय श्री श्याम! 🙏💙