तेरे द्वार से बाबा दरबार से कभी भी कोई भी खाली ना गया भजन श्याम बाबा की असीम कृपा और उनकी उदारता को दर्शाता है। जो भी भक्त सच्चे मन से उनके दरबार में आता है, बाबा उसकी झोली खुशियों से भर देते हैं। उनके द्वार से आज तक कोई भी खाली हाथ नहीं लौटा, क्योंकि वे अपने भक्तों की हर पुकार सुनते हैं और उन पर अपनी कृपा बरसाते हैं। आइए, इस भजन को पढ़कर श्याम जी की कृपा का अनुभव करें।
Tere Dwar Se Baba Darbar Se Kabi Bhi Koi Bhi Khali Na Gaya
तेरे द्वार से बाबा दरबार से, तेरे द्वार से बाबा दरबार से
कभी भी कोई भी खाली ना गया
जिसे जो चाहा वो मिल गया हो जिसने जो चाहा वो मिल गया
सर पर मेरे हाथ तेरा डरने की क्या फिर है बात
तेरे द्वार से मिली है बाबा मुझको हर सौगात
जब से तू मिला जीवन खिला महका हुआ उपवन मिला
और बताऊं क्या बाबा खिल उठा ये संसार
पल-पल में तुझको ही ध्यायु
तेरे द्वार से बाबा दरबार से
कभी भी कोई भी खाली न गया
जिसने जो चाहा वो मिल गया जिसे जो मांगा वह मिल गया
जीना नहीं मुझे तो चरणों से अब दूर होके
सब कुछ भुलाना है मुझको तेरी भक्ति में खोके
तेरी पूजा ही मेरा प्राण है तेरे चरणों में कल्याण है
सुन ले मेरे श्याम अब तो इन धड़कनों की सदा
अब ना तेरा दर छोड़ूं
तेरे द्वार से बाबा दरबार से कभी भी कोई भी खाली न गया
जिसने जो चाहा वो मिल गया जिसने जो मांगा वो मिल गया
श्याम बाबा अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते, वे हर किसी की झोली कृपा से भर देते हैं। “तेरे द्वार से बाबा, दरबार से कभी भी कोई भी खाली ना गया” भजन इसी सच्चे विश्वास को प्रकट करता है। श्याम प्रेम और उनकी कृपा का अनुभव करने के लिए पान को प्रसाद बाबा करो स्वीकार जी, भोग लगाओ, मुझे मस्ती चढ़ गई रे, सुन लो श्याम पुकार हमारी, और सांवलिया सरकार तुम्हारी लीला न्यारी है भजन भी पढ़ें और श्याम जी की भक्ति में मग्न हो जाएं।