भक्तों, जब कोई सच्चे मन से श्याम बाबा के प्रेम में डूब जाता है, तो उसे उनके रूप, लीलाएँ और कृपा सबसे अधिक प्रिय लगने लगती हैं। श्याम बाबा का सलोना रूप भक्तों के हृदय को मोह लेता है और उन्हें अपने प्रेम में सराबोर कर देता है। आज हम जिस भजन श्याम सलोना मुझे भाया रे की चर्चा कर रहे हैं, वह एक भक्त की भावनाओं को प्रकट करता है, जो श्याम के प्रेम में ऐसा रमा है कि उन्हें अपने जीवन का सबसे प्रिय बना लिया है।
Shyam Salona Mujhe Bhaya Re
भाया रे , वो लीले वाला श्याम सलोना मुझे भाया रे-भाया रे ।
श्याम की महिमा गाऊँ, मैं श्याम को सदा मनाऊ
भाया रे…..
जब भी मेरे सर पे, मुसीबत है आई,
मोरछ्ड़ी बाबा की, तभी लहराई ,
श्याम के रहूँ सहारे, वो करता वारे-न्यारे ।
भाया रे….
शीश का दानी है, वो जग से निराला,
कलियुग के अंधेरे में, वो करता उजाला
पाप की आंधी छाई, तो श्याम ने ज्योत जलाई ।
भाया रे …..
जो भी इस दुनिया से, है हार के आता,
हारे का सहारा ही, उसे अपनाता ।
विष्णु वो मान बढ़ाये, उसे जग से जीत दिलाये ।
भाया रे….
लेखक: विष्णु कुमार सोनी, कानपुर
श्याम बाबा का सलोना रूप हर भक्त के हृदय को अपनी ओर खींचता है और उनकी कृपा से जीवन में प्रेम और शांति का संचार होता है। यह भजन हमें उनकी भक्ति में डूबने और उनकी लीलाओं का आनंद लेने की प्रेरणा देता है। ऐसे ही अन्य भजनों जैसे “खाटू नगरी जो भी आया, बनते उसके काम हैं”, “महसूस होने लगी है कृपा, खाटू में जब से आने लगा हूँ”, “तेरे भरोसे खाटू वाले रहता है मेरा परिवार”, और “भरोसे हम तो बाबा के, जो होगा देखा जाएगा” को भी अवश्य करें और श्याम प्रेम में लीन हो जाएं।