सावन का महीना है खुशियां चारों और

सावन का महीना है खुशियां चारों और भजन श्रावण मास की दिव्यता और आनंद को प्रकट करता है। सावन का महीना भक्ति, उत्सव और भगवान के प्रति प्रेम से भरपूर होता है। इस पवित्र मास में भक्तगण भजन-कीर्तन करते हैं, बाबा श्याम की महिमा का गुणगान करते हैं और उनकी कृपा से अपने जीवन को कृतार्थ मानते हैं। आइए, इस भजन को पढ़कर श्याम बाबा की कृपा का अनुभव करें और उनके प्रेम में मग्न हो जाएं।

Sawan Ka Mahina Hai Khushiyan Charo Or

सावन का महीना, है खुशियां चारों और
झूला झूले बाबा, प्रेमी जन खींचे डोर

प्रेमियों की टोली आई, शाम को झुलाने
नाच के रिझाने, इनको भजन सुनाने
झूम झूम के गाओ, मनाओ नंदकिशोर

छाई है बहार , आई रुत मस्तानी
सज धज के बैठा, देखो शीश का दानी
चली रे देखो पुरवाईया , बदरा बरसे चहुं और

प्रेम की गली में प्यारे, इनका ठिकाना
इतना समझ ले, मन का मीत है कान्हा
जुगल तेरी नैया का, खेवईया माखन चोर।

सावन मास में बाबा श्याम की भक्ति करने का विशेष महत्व है, क्योंकि यह महीना भक्तों को प्रेम, आस्था और आशीर्वाद से सराबोर कर देता है। “सावन का महीना, है खुशियां चारों और” भजन इसी आनंद और श्रद्धा को दर्शाता है। श्याम प्रेम और उनकी कृपा का अनुभव करने के लिए बाबा बुलाए खाटू दौड़े चले आए हम, बाबा खाटू का तेरा दाल चूरमा मन लालचावे रे, कभी तेरी चौखट ना छोडेंगे हम, और थे म्हारा सरकार, म्हारा खाटू वाला श्याम भजन भी पढ़ें और श्याम जी की भक्ति में रम जाएं।

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