सतरंगी मेला है आयो

भक्तों, जब खाटू नगरी में बाबा श्याम का मेला भरता है, तो हर भक्त का हृदय आनंद से झूम उठता है। चारों ओर भक्ति, प्रेम और श्रद्धा का सागर उमड़ पड़ता है। आज हम जिस भजन सतरंगी मेला है आयो की चर्चा कर रहे हैं, वह इसी दिव्य मेले की छटा को दर्शाता है। आइए, इस भजन के माध्यम से उस अलौकिक मेले की अनुभूति करें।

Satrangi Mela Hai Aayo

सतरंगी मेला है आयो,चालो श्याम दुअरिया
आयो मेलो है फागनियो खाटू चलो
आयो मेलो है फागानियो खाटू चलो
श्याम प्रेमी लाखो आते बाबा की नगरिया
आयो मेलो है फागनियो खाटू चलो

पूरा साल है रहता इंतजार जी कब आएगा फागुन् तेहवार जी
लगता खाटू में लक्खी है मेला आते बाबा के प्रेमी है हजार जी
जी भर के वो मौज उड़ाते बाबा की नगरिया
आयो मेलो है फागनियो खाटू चलो

कोई रेल और जहाज से आता कोई रिंग्स से पैदल है आता
कोई श्याम निशान चढ़ाता कोई डीजे भी साथ में लाता
अरे सबकी इच्छा पुरी करता मेरा श्याम है सावरिया
आयो मेलो है फागानियो खाटू चलो

खूब होते हैं श्याम भंडारे होते कीर्तन और बजते हैं नगाड़े
होता स्वर्ग सा नजारा खाटू धाम का भक्त खूब लगाते हैं जयकारे
बाबा के हैं प्रेमी पागल शंकर है चाकरिया
आयो मेलो है फागनियो खाटू चलो

खाटू श्याम जी का मेला सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि भक्ति का महासागर है, जहाँ हर भक्त उनकी कृपा में डूब जाता है। इस भजन के माध्यम से हम उनकी महिमा को और अधिक गहराई से समझ सकते हैं। ऐसे ही अन्य भजनों जैसे “खाटू में घूँघरू बाजे , “श्याम तेरी बंसी पुकारे , देखो रे भक्तों श्याम धणी आया , और “श्याम नाम रस पिया रे” को भी अवश्य करें और श्याम प्रेम में रंग जाएं।

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