भक्तों, जब भी हम अपने प्रिय खाटू श्याम बाबा के दिव्य रूप का स्मरण करते हैं, तो मन भक्ति और प्रेम से भर जाता है। उनकी मनमोहक छवि, उनके सुशोभित वस्त्र, मोरछड़ी का मुकुट और करुणामयी मुस्कान, हर भक्त के हृदय में बस जाती है। आज हम जिस भजन म्हाने श्याम को सिंगार बड़ो प्यारो लागे की चर्चा कर रहे हैं, वह बाबा के अनुपम सिंगार और उनके अलौकिक सौंदर्य की स्तुति करता है।
Mhane Shyam Ko Singar Bado Pyaro Lage
म्हाने श्याम को सिंगार बड़ो प्यारो लागे
साँची साँची बोलू बाबो न्यारो लागे
फागुन कार्तिक मेलो भारी
श्याम की सज जे हवेली प्यारी
थारे आगनिये में जोर का जयकारा लागे
साँची,
केशरियो बागों थारे तन पे सुहावे
काना रा कुण्डल थारो रोब जमावे
थारी आख्या रो काजल बड़ो प्यारो लागे
साँची,
मोरपंख जयपुरी मुकुट है सुहावे
केशर तिलक थारा भक्ता लगावे
थारो महक रहयो दरबार बाबा प्यारो लागे
साँची,
अमित बंसल बाबा भजन सुनावे
भक्ता चंग पर नाच दिखावे
थारी मोर छड़ी को बाबा झाड़ो लागे
साँची,,
श्याम बाबा का सिंगार भक्तों के हृदय को आनंद से भर देता है, और उनकी छवि हर कष्ट को दूर कर देती है। यह भजन हमें उनकी अद्भुत सुंदरता और कृपा का अनुभव कराता है। ऐसे ही अन्य भजनों जैसे “श्याम तेरी मोहनी मूरत”, “खाटू में रंगों की बौछार”, “देखो रे भक्तों श्याम धणी आया”, और “श्याम नाम रस पिया रे” को भी अवश्य करें और श्याम प्रेम में रंग जाएं।