मेरे श्याम कोई बात छुपी नहीं तेरे से

भक्तों, श्याम बाबा अंतर्यामी हैं, वह हमारे हृदय की हर बात को बिना कहे ही जान लेते हैं। हमारी खुशियाँ, हमारे दुख, हमारी मनोकामनाएँ—सब कुछ उनके सामने स्पष्ट रहता है। जब हम सच्चे मन से उन्हें याद करते हैं, तो हमें कुछ भी छिपाने की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि बाबा पहले ही सब जान जाते हैं। आज हम जिस भजन मेरे श्याम कोई बात छुपी नहीं तेरे से की चर्चा कर रहे हैं, वह भक्त और बाबा के बीच के अनमोल रिश्ते को दर्शाता है। यह भजन हमें बाबा के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण को और गहरा करने की प्रेरणा देता है।

Mere Shyam Koi Baat Chhupi Nahi Tere Se

मेरे श्याम कोई बात , छुपी नहीं तेरे से ,
मन की बाते पढ़ लेता तू , क्या छुपाऊ तेरे से !

खाटू वाले श्याम , तेरे दर पे मैं आया हूँ ,
मन की सारी बाते , जुबां तक लाया हूँ !
भूल मत जाना बाबा , अपने इस भगत को ,
सारी दुनिया छोड़ी मेने , छोड़ा इस जगत को !!

मेरे श्याम कोई बात , छुपी नहीं तेरे से ,
मन की बाते पढ़ लेता तू , क्या छुपाऊ तेरे से !

भगत हूँ मैं तेरा श्याम , मुझको निभा लेना ,
भव सागर में फसी नय्या, पार लगा देना !
हारे का सहारा तू , किश्ती का किनारा हैं ,
जिसने भी पूजा , तूने उसको उबारा हैं !!

मेरे श्याम कोई बात , छुपी नहीं तेरे से ,
मन की बाते पढ़ लेता तू , क्या छुपाऊ तेरे से !

मुरली अधर पे , लब तेरे चूमे हैं ,
भक्त खड़े द्वार , तेरी भक्ति में झूमे हैं !
खाली हाथ कैसे बाबा , जाऊ तेरे दर से ,
आस लेके निकला बाबा , मैं तो अपने घर से !!

मेरे श्याम कोई बात , छुपी नहीं तेरे से ,
मन की बाते पढ़ लेता तू , क्या छुपाऊ तेरे से !

खाते हो तुम खीर चूरमा , लीले ऊपर घूमते हो ,
अपने भक्तो को बाबा , कभी नहीं भूलते हो !
भगतो की झोली बाबा, भर दो अपनी भक्ति से ,
संकट सारे दूर कर दो , बाबा अपनी शक्ति से !!

मेरे श्याम कोई बात , छुपी नहीं तेरे से ,
मन की बाते पढ़ लेता तू , क्या छुपाऊ तेरे से !

श्याम बाबा अपने भक्तों के हर भाव को समझते हैं और बिना कहे भी उनकी हर समस्या का समाधान कर देते हैं। यह भजन हमें उनकी असीम कृपा और हमारे प्रति उनके प्रेम का एहसास कराता है। ऐसे ही अन्य भजनों जैसे “खाटू नगरी जो भी आया, बनते उसके काम हैं”, “महसूस होने लगी है कृपा, खाटू में जब से आने लगा हूँ”, “तेरे भरोसे खाटू वाले रहता है मेरा परिवार”, और “भरोसे हम तो बाबा के, जो होगा देखा जाएगा” को भी अवश्य करें और श्याम प्रेम में लीन हो जाएं।

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