भक्तों, जब कोई श्याम प्रेमी बाबा के चरणों में खुद को समर्पित कर देता है, तो उसके हृदय में एक ही भावना उमड़ती है—श्याम निशान को थामने और उनके नाम की सेवा करने की। आज हम जिस भजन मैं भी उठाऊं श्याम तेरा निशान की चर्चा कर रहे हैं, वह इसी भक्ति भावना को व्यक्त करता है। आइए, इस भजन के माध्यम से हम भी बाबा के प्रेम में लीन होकर उनके पावन निशान को थामने का संकल्प लें।
Mai Bhi Uthau Shyam Tera Nishan
मै भी उठाऊ श्याम तेरा निशान
कर दे मुझ पर ये अहसान
इच्छा बड़ी है श्याम सरकार में बाबा
अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार मैं बाबा
मैंने सुना है श्याम तू दीना नाथ है
जिसने पुकारा बाबा तू उसके साथ
हैं।
तू उसके साथ बाबा तू उसके साथ है।
हारे का सहारा तू बड़ा बलवान है
भेद नहीं पाया। तेरी महिमा महान है
पागल हुआ मैं तेरे प्यार में बाबा
अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में बाबा…
तेरा निशान श्याम तेरी पहचान है
जिसने उठाया हुआ उसका कल्याण है
उसका कल्याण बाबा उसका कल्याण है
जग का पालनहार श्याम सबका तू सहारा
डूबते हुए को तू देता है किनारा
नईयाँ पडी है श्याम मझधार में बाबा
अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में बाबा….
तेरे दरबार की तो बात है निराली
सच्चे मन से जो आया लौटा ना खाली।
लौटा ना खाली बाबा लौटा ना खाली
सबकी तू लाज रखता मोहन मुरारी
मैं भी तेरे दर पे आया बनके भिखारी
अंखिया प्यासी हैं तेरे दीदार में श्याम
अर्जी लगाओ तेरे दर बार में श्याम
श्याम बाबा का निशान उठाना केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि उनके प्रति हमारी अटूट श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। यह भजन हमें उनकी कृपा में लीन होने और उनके प्रेम में डूबने की प्रेरणा देता है। ऐसे ही अन्य भजनों जैसे “बड़ी दूर से चलकर आया हूँ , भरोसे हम तो बाबा के, जो होगा देखा जाएगा , तेरे भरोसे खाटू वाले रहता है मेरा परिवार“, और “खाटू नगरी जो भी आया, बनते उसके काम हैं” को भी अवश्य करें और श्याम प्रेम में रंग जाएं।