लिखता रहूं गुणगान सांवरे मैं गाता रहूं यही तान सांवरे

भक्तों, जब हृदय श्याम बाबा के प्रेम में डूब जाता है, तो हर सांस, हर शब्द, और हर धड़कन उन्हीं का गुणगान करने लगती है। एक भक्त के लिए इससे बड़ा सौभाग्य और क्या हो सकता है कि वह जीवनभर अपने सांवरे श्याम के महिमा का गान करता रहे! आज हम जिस भजन लिखता रहूं गुणगान सांवरे मैं गाता रहूं यही तान सांवरे की चर्चा कर रहे हैं, वह श्याम प्रेम में डूबे भक्त की भावना को व्यक्त करता है, जो चाहता है कि उसका हर पल श्याम भक्ति में ही बीते।

Likhta Rahun Gungan Sanware Main Gata Rahu Yahi Taan Sanware

लिखता रहूं गुणगान सांवरे , मैं गाता रहूं यही तान सांवरे
सबसे सोना मेरा दिलदार सांवरे , मैं गाता रहूं यही तान सांवरे

उंगली पकड़ के मेरी बाबा मंदिर में ले आया
सब ने साथ छोड़ा तब बाबा ने हाथ बढ़ाया
बाने यूं रखना प्यार सांवरे
सबसे सोना मेरा दिलदार सांवरे , मैं गाता रहूं यही तान सांवरे

बंद पड़ी किस्मत को मेरी तूने ही चमकाया
पड़े हुए को तूने बाबा पलकों पर बैठाया
मेरा तो तू ही आधार सांवरे
सबसे सोना मेरा दिलदार सांवरे , मैं गाता रहूं यही तान सांवरे

मोर छड़ी वाले की महिमा सब है ये मानी
मेरे खाटू वाले की तो दुनिया है दीवानी
लकी का तू ही मददगार सांवरे
सबसे सोना मेरा दिलदार सांवरे , मैं गाता रहूं यही तान सांवरे

श्याम बाबा के गुणगान से बड़ा कोई सुख नहीं, और उनके नाम का कीर्तन करने से बड़ा कोई कार्य नहीं। यह भजन हमें उनकी भक्ति में लीन रहने और उनके नाम की महिमा को फैलाने की प्रेरणा देता है। ऐसे ही अन्य भजनों जैसे “दिल का सुनाऊँ किसे हाल, मेरे सांवरे”, “तेरे भरोसे खाटू वाले रहता है मेरा परिवार”, “भरोसे हम तो बाबा के, जो होगा देखा जाएगा”, और “बैठे बैठे खाटू में ओ सांवरे” को भी अवश्य करें और श्याम प्रेम में डूब जाएं।

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