भक्तों, जब श्याम बाबा अपने रौद्र और वीर स्वरूप में प्रकट होते हैं, तब उनका रूप अति अद्भुत और अलौकिक लगता है। जब भक्त बाबा से प्रार्थना करते हैं कि लिले चढ जा रे ओ श्याम जी आपर घोड़ पर बाबा, तो यह प्रार्थना केवल एक विनती नहीं, बल्कि उनके शक्ति और पराक्रम का आह्वान भी है। यह भजन हमें बाबा के उस रूप का स्मरण कराता है, जहाँ वे अपने भक्तों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।
Leele Chadh Ja Re O Shyam Ji Aapar Ghod Par Baba
लिले चढ जा रे ओ श्याम जी ।
आपर घोड़ पर बाबा, ।। २
बेगा आइ जो रे ओ श्याम जी ।
आपरे मन्दिर मैं बाबा ।। २
लिले चढ जा रे ओ श्याम जी ।
आपर घोड़ पर बाबा, ।। २
मन स नाचू रे ओ श्याम जी ।
थारे आगनीये मै बाबा ।। २
लिले चढ जा रे ओ श्याम जी ।
आपर घोड़ पर बाबा, ।। २
चुरमो बनवायो रे ओ श्याम जी ।
देशी यो ढाल बाबा ।।२
लिले चढ जा रे ओ श्याम जी ।
आपर घोड़ पर बाबा, ।। २
डोल बाज रे ओ श्याम जी ।
आप रे मन्दिर मैं बाबा ।।
लिले चढ जा रे ओ श्याम जी ।
आपर घोड़ पर बाबा, ।। २
घुमर घालो रे ओ श्याम जी ।
डोल र डमकार पे बाबा ।।
लिले चढ जा रे ओ श्याम जी ।
आपर घोड़ पर बाबा, ।। २
श्याम बाबा अपने भक्तों की हर पुकार सुनते हैं और संकट के समय उनकी रक्षा के लिए सदा तत्पर रहते हैं। यह भजन हमें उनकी शक्ति और करुणा का एहसास कराता है। ऐसे ही अन्य भजनों जैसे “तेरे भरोसे खाटू वाले रहता है मेरा परिवार”, “भरोसे हम तो बाबा के, जो होगा देखा जाएगा”, “बड़ी दूर से चलकर आया हूँ”, और “खाटू नगरी जो भी आया, बनते उसके काम हैं” को भी अवश्य करें और श्याम प्रेम में डूब जाएं।