भक्तों, जब मन दुखी होता है और जीवन की कठिनाइयाँ बढ़ने लगती हैं, तो कभी-कभी हमें ऐसा लगता है जैसे श्याम बाबा ने हमें भूल ही लिया है। लेकिन सच तो यह है कि वह अपने किसी भी भक्त को नहीं भूलते, बस हमारी परीक्षा लेते हैं। आज हम जिस भजन क्यूँ भूल गये श्यामा मुझे पागल समझकर भूल गये की चर्चा कर रहे हैं, वह एक भक्त के हृदय की व्यथा को दर्शाता है, जो अपने आराध्य से प्रेम भरी शिकायत करता है।
Kyun Bhul Gaye Shayma Mujhe Pagal Samjhkar Bhul Gaye
क्यूँ भूल गये श्यामा,
मुझे पागल समझकर भूल गये ॥
मेरे मन में उठी उमंगें, जप लूँ नाम तुम्हारा ।
तुम श्यामा अब दर्शन दे दो, होगा भला हमारा।
हम हैं बालक नादान, तुम क्यूं हमको भूल गये ॥
तुम आओ या ना आओ, मैं लूंगा नाम तुम्हारा ।
जहाँ कहीं भी तूम जाओगे, पीछा करूँगा तुम्हारा ।
मैं छोड़ नहीं सकता, तुम बेशक मुझ को छोड़ गये ॥
दुनिया में तुम भक्ति की माला, जल्दी फेरो भगवान ।
नहीं तो इस दुनिया में श्यामा, धर्म हो जाएगा भंग ।
क्यों तोड़ गए श्यामा, मेरा भक्ति भरा दिल तोड़ गये ॥
मेरे मन में आशा उठी तब, आया पास तुम्हारे ।
‘मातृदत्त’ तुम्हारा तुम बिन, व्याकुल नन्द दुलारे ।
मैं भुल नहीं सकता फिर, तुम क्यों मुझ को भुल गये ॥
श्याम बाबा अपने भक्तों को कभी नहीं भूलते, वह सदा उनकी रक्षा और कल्याण करते हैं। यह भजन हमें बाबा पर अटूट विश्वास रखने और उनकी भक्ति में निरंतर बने रहने की प्रेरणा देता है। ऐसे ही अन्य भजनों जैसे “तेरे भरोसे खाटू वाले रहता है मेरा परिवार”, “महसूस होने लगी है कृपा, खाटू में जब से आने लगा हूँ”, “भरोसे हम तो बाबा के, जो होगा देखा जाएगा”, और “खाटू नगरी जो भी आया, बनते उसके काम हैं” को भी अवश्य करें और श्याम प्रेम में लीन हो जाएं।