भक्तों, जब जीवन में दुखों का अंधकार छा जाता है और राहें कठिन हो जाती हैं, तब हमें सिर्फ एक ही आसरा याद आता है—हमारे सांवरे श्याम। उनकी दया की छाया में आकर हर भक्त का मन हल्का हो जाता है और उसकी सारी चिंताओं का निवारण हो जाता है। आज हम जिस भजन खोल दया के द्वार सांवरे की चर्चा कर रहे हैं, वह भक्त की उसी पुकार को व्यक्त करता है, जब वह बाबा से कृपा और करुणा की याचना करता है।
Khol Daya Ke Dwar Sanware
नाम श्याम का ले लिया
सर्वेश्वर अब सांवरिया…
खाटू का मंदिर है प्यारा
रहता जहां हारे का सहारा..
आया जहां से हार सांवरे, खोल दया के द्वार सँवारे-2
जीवन है मझधार सांवरे, थाम ले तू पतवार सांवरे ।
आया जहां से हार सांवरे, खोल दया के द्वार सांवरे
दुखिया तेरे द्वार खड़ा है, जल्दी आओ, न देर लगाओ-2
जादू भरी यह मोर छड़ी, सर पर लहराओ, मेरे सांवरे,
कर मेरा उद्धार सांवरे, थाम ले तू पतवार सांवरे ।
आया जहां से हार सांवरे, खोल दया के द्वार सांवरे ।।
श्याम तुम्हारे चरणों मे, अपनी आंखों से, कुछ बूंद चढ़ाऊँ-2
मैं निर्धन धनवान है तू, क्या भेंट चढ़ाऊँ । मेरे सांवरे ।
कर मुझपे उपकार सांवरे, थाम ले तू पतवार सांवरे ।
आया जहां से हार सांवरे, खोल दया के द्वार सांवरे ।।
हमने सुना खाटू वाले तू, सबकी बिगड़ी, तकदीर बनाये-2
करके भरोसा हम भी है फरियाद लगाये । मेरे सांवरे ।
विष्णु हुआ लाचार सांवरे, थाम ले तू पतवार सांवरे ।
आया जहां से हार सांवरे, खोल दया के द्वार सांवरे ।।
श्याम बाबा अपने भक्तों की पुकार सुनते हैं और उन पर अपनी अपार कृपा बरसाते हैं। यह भजन हमें उनकी दया, करुणा और प्रेम की अनुभूति कराता है। ऐसे ही अन्य भजनों जैसे “दिल का सुनाऊँ किसे हाल, मेरे सांवरे”, “भरोसे हम तो बाबा के, जो होगा देखा जाएगा”, “तेरे भरोसे खाटू वाले रहता है मेरा परिवार”, और “बैठे बैठे खाटू में ओ सांवरे” को भी अवश्य करें और श्याम प्रेम में लीन हो जाएं।