दर्शन के लिये बाबा मे खाटु धाम आया हूँ

भक्तों, जब श्याम प्रेमी अपने आराध्य के दर्शन की अभिलाषा लेकर खाटू धाम पहुँचता है, तो उसके मन में आनंद, श्रद्धा और भक्ति की लहर उमड़ पड़ती है। बाबा के चरणों में पहुँचते ही सारी चिंताएँ दूर हो जाती हैं और आत्मा को एक अलौकिक शांति मिलती है। आज हम जिस भजन दर्शन के लिये बाबा मे खाटु धाम आया हूँ की चर्चा कर रहे हैं, वह एक भक्त की भावनाओं को व्यक्त करता है, जो बाबा के दर्शन को जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य मानता है। आइए, इस भजन के माध्यम से हम भी अपनी श्रद्धा प्रकट करें।

Darshan Ke Liye Baba Me Khatu Dhaam Aaya Hoon

दोहा-
दर दर भटक लिया तेरे प्यार के लिये,
चुन चुन के फुल लाया हूँ तेरे हार के लिये
अब तारो या ना तारो ये मर्जी तुमारी है,

लाखो की खाई ठोकरे तेरे हार के लिये

दर दर भटकता फिरा मे ठोकर बड़ी खाया हूँ
दर्शन के लिये बाबा में खाटु धाम आया हूँ

हारे का बाबा तुहि सहारा करी आज देरी बड़ी
हों चले आवो बाबा भवन से निकलकर मेरी नाव तूफा पड़ी
नहीं कोई जग मे हमारा तुम्हारे सिवा
दर्शन के लिये बाबा मे खाटु धाम आया हूँ

जग ने सताया है सब ने रुलाया है तुम मेरा संकट हरो
तुम दाता दानी नही तुमसा सानी तुम्ही आज झोली भरो
यही आज चौखट पे तेरी मैं मर जाऊँगा
दर्शन के लिये बाबा मे खाटु धाम आया हूँ

हो शीश का दानी अमर है कहानी कैसे मनाऊ तुम्हे
प्रेमी दीवाना हुआ आज पागल कैसे बताऊ तुम्हे
मुझे आज दर्शन दिखाना पड़ेगा यही
दर्शन के लिये बाबा मे खाटु धाम आया हूँ

दर दर भटकता फिरा मे ठोकर बड़ी खाया हूँ
दर्शन के लिये बाबा मे खाटु धाम आया हूँ

श्याम बाबा के दर्शन मात्र से जीवन धन्य हो जाता है और हर भक्त को अपार सुख और शांति मिलती है। यह भजन हमें बाबा की कृपा का अनुभव कराता है और हमें उनकी भक्ति में रमने की प्रेरणा देता है। ऐसे ही अन्य भजनों जैसे “खाटू नगरी जो भी आया, बनते उसके काम हैं”, “महसूस होने लगी है कृपा, खाटू में जब से आने लगा हूँ”, “तेरे भरोसे खाटू वाले रहता है मेरा परिवार”, और “भरोसे हम तो बाबा के, जो होगा देखा जाएगा” को भी अवश्य करें और श्याम प्रेम में लीन हो जाएं।

Leave a comment