दरबार अधूरा बाबा का हनुमान के बिना फागन अधूरा सूरजगढ़ निशान के बिना

दरबार अधूरा बाबा का हनुमान के बिना फागन अधूरा सूरजगढ़ निशान के बिना भजन श्याम बाबा की अनन्य भक्ति और उनके प्रिय भक्त हनुमान जी की महिमा का गुणगान करता है। यह भजन हमें सिखाता है कि जैसे श्याम बाबा के दरबार में हनुमान जी की उपस्थिति से भक्ति पूर्ण होती है, वैसे ही फाल्गुन महोत्सव सूरजगढ़ के पवित्र निशान यात्रा के बिना अधूरा माना जाता है। श्याम प्रेमियों के लिए यह भजन आस्था और समर्पण की अनुभूति कराता है।

Darbar Adhura Baba Ka Hanuman Ke Bina Fagan Adhura Surajgadh Nishan Ke Bina

दरबार अधूरा बाबा का,
हनुमान के बिना
(और) फागण अधूरा,
सूरजगढ़ निशान के बिना

1.. कहती है दुनिया सारी,
ये निशान की महिमा भारी
(और) राह देखते इसकी,
खुद बाबा श्याम बिहारी
दात्तार अधूरा जैसे,
कन्यादान के बिना.. फागण

2.. ये निशान जहां जाता है,
वहां मेळा लग जाता है
पूजन भी हो जाता है,
झाड़ा भी लग जाता है
है यज्ञ अधूरा जैसे,
यजमान के बिना.. फागण

3.. कई शहर घूमता फिरता,
फिर खाटू धाम को जाता
वहां शिखरबंद पे सजके,
मेळे की शान बढ़ाता
परिवार अधूरा जैसे,
संतान के बिना.. फागण

4.. अम्बरीष अगर तू चाहे,
जीवन को धन्य बनाना
जब भी मौका मिल जाए,
सूरजगढ़ जरूर जाना
है भग्त अधूरा जैसे,
भगवान के बिना.. फागण

श्याम बाबा का दरबार भक्तों की श्रद्धा से पूर्ण होता है, और हनुमान जी की उपस्थिति से उसकी महिमा और बढ़ जाती है। “दरबार अधूरा बाबा का हनुमान के बिना, फागन अधूरा सूरजगढ़ निशान के बिना” भजन इसी गहरे भाव को प्रकट करता है। श्याम बाबा की कृपा का अनुभव करने के लिए खाटू धाम बुला मुझको, भक्तो ने झूला डाला झूले पे खाटू वाला, खाटू धाम का नया रूप, और इसीलिए बाबा ने मेरे कीर्तन ये कराया है भजन भी पढ़ें और श्याम जी की भक्ति में रम जाएं।

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