बिखर गया हूँ बाबा भजन एक भक्त के हृदय की गहराई से निकली पुकार है, जो श्याम बाबा के चरणों में अपने सारे दुख-दर्द समर्पित कर देता है। जब जीवन में संघर्ष बढ़ जाते हैं और मन अस्थिर हो जाता है, तब केवल श्याम नाम का सहारा ही शांति प्रदान करता है। यह भजन उस अटूट विश्वास को दर्शाता है कि चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों, बाबा श्याम अपनी कृपा से हर भक्त को संवारने की शक्ति रखते हैं।
Bikhar Gaya Hoon Baba
बिखर गया हुँ बाबा मुझको,आकर लो सम्भाल 2
बचपन से सुनता आया ना, तुमसा कोई दयाल
ओ मेरे श्याम 2 मेरे साँवरे ओ बाबा श्याम 2
बिखर…
अब हिम्मत ना मेरी उठने की,मुझे वक्त ने बडा सताया है
ये वक्त बड़ा बलवान है जो, तेरे दर पर खींच के लाया है ] 2
वक्त मेरे जीवन मे बाबा, लाया कैसा भूचाल 2
बचपन…
कई अर्से बाबा बीत गए, खुशियो का मुख मुझे देखे हुए
अपने तो बाबा बहुत मिले, नही दिया ‘सहारा’ गिरते हुए ] 2
गर तू भी ना देगा सहारा,ना कोई मुझे मलाल 2
बचपन…
अब तो बस ये ही तमन्ना है, तेरी भगती मे में खो जाऊं
बन कर के ‘दास’ प्रभू तेरा, जीवन भर तुमको में ध्याऊ ] 2
संजय का रखना बाबा तुम,जीवन भर ख्याल 2
बचपन…
श्याम बाबा की शरण में जाने वाला कभी अकेला नहीं रहता, वे हर दुख को हरने वाले और जीवन को संवारने वाले हैं। “बिखर गया हूँ बाबा” भजन भी इसी प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। श्याम प्रेम और उनकी कृपा का अनुभव करने के लिए श्याम-श्याम रट मन बावरा, थे म्हारा सरकार, म्हारा खाटू वाला श्याम, आते हैं बाबा श्याम को जादू कमाल के, और हारा हूँ बाबा, बस तुझपे भरोसा है भजन भी पढ़ें और श्याम जी की भक्ति में रम जाएं।