बड़ी दूर से चलकर आया हूं

भक्तों, जब कोई सच्चे मन से श्याम बाबा के दरबार की ओर कदम बढ़ाता है, तो हर राह आसान हो जाती है। बाबा श्याम अपने भक्तों को बुलाते हैं, और जो एक बार उनकी शरण में आ जाता है, वह उनकी कृपा से हर कष्ट भूल जाता है। आज हम जिस भावनात्मक भजन बड़ी दूर से चलकर आया हूं की चर्चा कर रहे हैं, वह एक भक्त के प्रेम, समर्पण और उस अनोखे सफर को दर्शाता है, जो उसे श्याम बाबा के चरणों तक ले जाता है।

Badi Door Se Chal Kar Aaya Hoon

बड़ी दूर से चल कर आया हु,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हु चरणों में तेरे अर्पण के लिए,

नरोली मोली चावल है न धन दौलत की थैली है,
दो आंसू बचा कर लाया हु पूजा तेरी करने के लिये,
बड़ी दूर से चल कर आया हु….

ना रंग महल की अभिलाषा ना ईशा सोने चाँदी की,
तेरी दया की दौलत काफी है झोली मेरी भरने के लिये,
बड़ी दूर से चल कर आया हु…..

मेरे बाबा मेरी ईशा नहीं अब यहाँ से वापिस जाने की,
चरणों में जगह दे दो थोड़ी मुझे जीवन भर रहने के लिये,
बड़ी दूर से चल कर आया हु…

श्याम बाबा के दरबार तक पहुँचने का सफर कठिन जरूर हो सकता है, लेकिन उनकी कृपा मिल जाए, तो सारी थकान पल भर में दूर हो जाती है। यह भजन हमें बाबा के प्रति अपनी भक्ति को और प्रगाढ़ करने की प्रेरणा देता है। ऐसे ही अन्य भजनों जैसे “आजा लाज बचाने”, “तेरे भरोसे खाटू वाले रहता है मेरा परिवार”, “अब तो आजा श्याम”, और “हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा” को भी अवश्य करें और श्याम प्रेम में लीन हो जाएं।

Leave a comment