खाटू श्याम आरती टाइमिंग – जानें आरती के शुभ समय

खाटू श्याम आरती टाइमिंग जानना खाटू श्याम जी के भक्तों के लिए उनकी आरती दर्शन करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। हर दिन बाबा श्याम के मंदिर में चार आरतियाँ होती हैं, जिनके दर्शन करने से भक्तों को अपार शांति और कृपा प्राप्त होती है। यदि आप Khatu Shyam Aarti Timing की जानकारी ढूंढ रहे हैं, तो यहाँ आपको बाबा श्याम की सभी आरतियों के सही समय की जानकारी मिलेगी।

Khatu Shyam Aarti Timing

खाटू श्याम मंदिर में प्रतिदिन चार आरतियाँ होती हैं, जिनका समय गर्मी और सर्दी के अनुसार बदलता रहता है। नीचे Khatu Shyam Aarti Time की पूरी सूची दी गई है:

आरती का नामगर्मी (अप्रैल-सितंबर) सर्दी (अक्टूबर-मार्च)
मंगला आरतीसुबह 5:30 बजेसुबह 4:30 बजे
श्रृंगार आरतीसुबह 7:00 बजेसुबह 8:00 बजे
भोग आरतीदोपहर 12:30 बजेदोपहर 12:30 बजे
संध्या आरतीशाम 7:30 बजेशाम 6:30 बजे
शयन आरतीरात 10:00 बजेरात 9:00 बजे
खाटू श्याम आरती टाइमिंग
खाटू श्याम आरती टाइमिंग

खाटू श्याम जी की आरती के महत्व

खाटू श्याम जी की आरती की आरती का दृश्य
खाटू श्याम जी की आरती की आरती का दृश्य

बाबा श्याम की श्रृंगार आरती में उन्हें फूलों और आभूषणों से अलंकृत किया जाता है, जबकि भोग आरती में भगवान को प्रसाद अर्पित किया जाता है। संध्या आरती में बाबा का भव्य श्रृंगार और भक्ति संगीत का आयोजन होता है, और शयन आरती में उन्हें रात्रि विश्राम के लिए विदा किया जाता है।

खाटू श्याम जी की आरती में जाने से पहले ध्यान देने योग्य बातें

  • खाटू श्याम आरती टाइमिंग का आपको विशेष ध्यान रखना होगा, क्योंकि मंदिर में भीड़ अधिक हो सकती है।
  • आरती के दौरान मोबाइल और कैमरे का उपयोग वर्जित है।
  • साफ-सुथरे और पारंपरिक वस्त्र पहनकर ही मंदिर जाएं।
  • भक्तों को प्रसाद और फूल चढ़ाने की अनुमति होती है, लेकिन केवल निर्दिष्ट स्थान पर।

खाटू श्याम जी की आरती का दर्शन करने से मन को शांति मिलती है और सभी कष्टों का निवारण होता है। यदि आप बाबा श्याम के दरबार में आने की योजना बना रहे हैं, तो Khatu Shyam Aarti Timing को ध्यान में रखकर अपनी यात्रा की योजना बनाएं।

FAQ

खाटू श्याम जी की आरती में भाग लेने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

सुबह की श्रृंगार आरती और शाम की संध्या आरती सबसे अधिक भक्तों को आकर्षित करती हैं।

क्या खाटू श्याम मंदिर में आरती के समय विशेष आयोजन होते हैं?

क्या आरती में शामिल होने के लिए टिकट या विशेष अनुमति की जरूरत होती है?

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