काशी नगरी से आए है शिव शम्भू भजन लिरिक्स

काशी, जहां स्वयं भगवान शिव सदैव विराजमान हैं, उनकी भक्ति और दिव्यता से आलोकित है। काशी नगरी से आए हैं शिव शम्भू भजन शिवजी की महिमा और उनकी पवित्र काशी नगरी की महत्ता को दर्शाता है। जब भक्त शिव शंभू का गुणगान करते हैं, तो उनकी कृपा से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। यह भजन हमें शिव भक्ति की गहराई में डुबोने के लिए प्रेरित करता है। आइए, इसे पढ़ें और शिव शंभू की महिमा में खो जाएं।

Kashi Nagri Se Aaye Hai Shiv Shambhu

सुनके भक्तो की पुकार,
होके नंदी पे सवार,
काशी नगरी से,
आए है शिव शम्भू,
सुनके भक्तो की पुकार।1।

भस्मी रमाए देखो,
डमरू बजाए,
कैसा निराला भोले,
रूप सजाए,
गले में है सर्पो का हार,
होके नंदी पे सवार,
काशी नगरीं से,
आए है शिव शम्भू,
सुनके भक्तो की पुकार।2।

मृगछाला पहने है,
जटाओं में गंगा,
चमचम चमकता है,
माथे पे चंदा,
गौरी मैया के श्रृंगार,
होके नंदी पे सवार,
काशी नगरीं से,
आए है शिव शम्भू,
सुनके भक्तो की पुकार।3।

देवों के देव इनकी,
महिमा महान है,
भोले भक्तो के ये तो,
भोले भगवान है,
करने भक्तो का उद्धार,
होके नंदी पे सवार,
काशी नगरीं से,
आए है शिव शम्भू,
सुनके भक्तो की पुकार।4।

सुनके भक्तो की पुकार,
होके नंदी पे सवार,
काशी नगरी से,
आए है शिव शम्भू,
सुनके भक्तो की पुकार।5।

भगवान शिव की महिमा काशी नगरी में हर क्षण गूंजती रहती है, और जो भी उनका स्मरण करता है, उसे मोक्ष का मार्ग स्वतः प्राप्त हो जाता है। इस भजन के माध्यम से शिवजी के दिव्य स्वरूप को नमन करते हुए, हर हर महादेव की गूंज, भोलेनाथ की बारात, शिव शंभू मेरे मन बसे और महाकाल की महिमा अपार जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और शिव भक्ति के पथ पर आगे बढ़ें। 🚩🔱

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