कार्तिकेय गायत्री मंत्र: साहस, विजय और रक्षा पाने के लिए करें इस मंत्र का चमत्कारी जाप!

कार्तिकेय गायत्री मंत्र भगवान शिव के पुत्र और युद्ध के देवता स्कंद भगवान को समर्पित है। यह मंत्र साहस, ऊर्जा और शत्रु-विजय की शक्ति प्रदान करता है। Kartikeya Gayatri Mantra का जाप करने से आत्मबल बढ़ता है और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

Kartikeya Gayatri Mantra Lyrics

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महासेनाय धीमहि।
तन्नः स्कंदः प्रचोदयात्॥

मंत्र का अर्थ: हम उस दिव्य पुरुष को जानते हैं, जो महा-सेनापति (कार्तिकेय) हैं। हम उनका ध्यान करते हैं, वही स्कंद हमें प्रेरणा और रक्षा प्रदान करें।

Kartikeya Gayatri Mantra Lyrics

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महासेनाय धीमहि।
तन्नः स्कंदः प्रचोदयात्॥

मंत्र का अर्थ: हम उस दिव्य पुरुष को जानते हैं, जो महा-सेनापति (कार्तिकेय) हैं। हम उनका ध्यान करते हैं, वही स्कंद हमें प्रेरणा और रक्षा प्रदान करें।

Kartikeya Gayatri Mantra का जाप करने से जीवन में भय समाप्त होता है और भीतर से ऊर्जा का संचार होता है। आप चाहें तो हनुमान गायत्री मंत्र, गणेश गायत्री मंत्र और शिव गायत्री मंत्र पर भी हमारे विशेष लेख पढ़ सकते हैं।

कार्तिकेय गायत्री मंत्र के जाप की विधि

  1. मंगलवार का दिन चुनें: कार्तिकेय जी की पूजा के लिए मंगलवार विशेष फलदायी माना जाता है। इस दिन किया गया जाप विशेष रूप से रक्षा और साहस प्रदान करता है।
  2. सिंदूर और लाल पुष्प चढ़ाएं: भगवान कार्तिकेय को लाल रंग अत्यंत प्रिय है। इसलिए पूजा में लाल फूल, सिंदूर और चंदन का उपयोग करें।
  3. अग्नि के समक्ष जाप करें: यदि संभव हो तो दीपक या हवन कुंड के पास बैठकर मंत्र जाप करें। अग्नि तत्व कार्तिकेय जी की शक्ति को सक्रिय करता है।
  4. दक्षिण दिशा की ओर मुख करें: साधना करते समय दक्षिण दिशा की ओर मुख करना शुभ माना जाता है। यह दिशा शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है।
  5. माला से 108 बार जाप करें: रक्त चंदन या तुलसी की माला से 108 बार इस मंत्र का जाप करें। आँखें बंद कर भगवान स्कंद का ध्यान करते हुए पूर्ण श्रद्धा से जाप करें।

ध्यान देने योग्य बातें

FAQ

क्या इस मंत्र से शत्रु बाधा दूर होती है?

हाँ, यह मंत्र शत्रु दोष निवारण और मानसिक बल वृद्धि के लिए अत्यंत प्रभावी है।

क्या विद्यार्थी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं?

क्या यह मंत्र घर पर किया जा सकता है?

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