Kartavirya Arjuna Mantra कार्तवीर्यार्जुनॊनाम राजाबाहुसहस्रवान् ... तस्यस्मरण मात्रॆण गतम् नष्टम् च लभ्यतॆ !! कार्तवीर्यह:खलद्वॆशीकृत वीर्यॊसुतॊबली ... सहस्र बाहु:शत्रुघ्नॊ रक्तवास धनुर्धर: !! रक्तगन्थॊ रक्तमाल्यॊ राजास्मर्तुरभीश्टद:... द्वादशैतानि नामानि कातवीर्यस्य य: पठॆत् !! सम्पदस्तत्र जायन्तॆ जनस्तत्रवशन्गतह:... आनयत्याशु दूर्स्थम् क्षॆम लाभयुतम् प्रियम् !! सहस्रबाहुम् महितम् सशरम् सचापम्... रक्ताम्बरम् विविध रक्तकिरीट भूषम् !! चॊरादि दुष्ट भयनाशन मिश्टदन्तम्... ध्यायॆनामहाबलविजृम्भित कार्तवीर्यम् !! यस्य स्मरण मात्रॆण सर्वदु:खक्षयॊ भवॆत्... यन्नामानि महावीरस्चार्जुनह:कृतवीर्यवान् !! हैहयाधिपतॆ: स्तॊत्रम् सहस्रावृत्तिकारितम्... वाचितार्थप्रदम् नृणम् स्वराज्यम् सुक्रुतम् यदि !! ॥ इति श्री कार्तवीर्यार्जुन स्त्रोत द्वादश नामस्तॊत्रम् सम्पूर्णम् !!

Kartavirya Arjuna Mantra | कार्तवीर्य अर्जुन: वीरता

कार्तवीर्य अर्जुन, हिन्दू पौराणिक ग्रंथ ‘महाभारत’ में एक महत्वपूर्ण पात्र है। महाभारत में इनके  सौर्य गाथा का वर्णन हुआ है।कार्तवीर्य अर्जुन का चरित्र महाभारत में सहस्रबाहु और धार्मिक पुरुष के रूप में दर्शाया गया है। अर्जुन के बहादुरी और वीरता के कारण वे कार्तवीर्य अर्जुन के नाम से प्रसिद्ध हुए।Kartavirya Arjuna Mantra आपके लिए उपलब्ध … Read more