कलयुग में फिर से आजा डमरू बजाने वाले लिरिक्स

कलयुग में फिर से आजा डमरू बजाने वाले भजन उन भक्तों की पुकार है, जो महादेव से पुनः इस धरती पर अवतरित होने की विनती कर रहे हैं। जब अधर्म बढ़ता है, जब मनुष्य मोह-माया में फंसकर सत्य और धर्म से दूर हो जाता है, तब भक्तों को केवल शिव शंकर की याद आती है। इस भजन में भक्त अपनी श्रद्धा के साथ महादेव से प्रार्थना कर रहे हैं कि वे पुनः इस कलयुग में अवतरित हों और अपने डमरू की ध्वनि से अधर्म का नाश करें, जिससे संसार फिर से शिवमय हो जाए।

Kalyug Me Phir Se Aaja Damaru Bajane Wale

कलयुग में फिर से आजा,
डमरू बजाने वाले,
दुःख दर्द सब मिटा जा,
डमरू बजाने वाले।1।

विष पीके तुमने बाबा,
संसार को बचाया,
भैरव के रूप में भी,
महाकाल बनके आया,
दानव को फिर मिटा जा,
तांडव रचाने वाले,
कलयुग मे फिर से आजा,
डमरू बजाने वाले।2।

दानव देव ऋषियों ने,
सबने है तुम्हे ध्याया,
संतो के लिए बाबा,
सातों धाम रचाया,
भक्तो को फिर जगा जा,
उज्जैन वाले बाबा,
कलयुग मे फिर से आजा,
डमरू बजाने वाले।3।

कलयुग में फिर से आजा,
डमरू बजाने वाले,
दुःख दर्द सब मिटा जा,
डमरू बजाने वाले।4।

कलयुग में फिर से आजा डमरू बजाने वाले भजन यह दर्शाता है कि जब-जब धर्म की हानि होती है और अधर्म का बोलबाला बढ़ता है, तब शिव शंकर अपनी लयकारी से संसार में संतुलन स्थापित करते हैं। महादेव के डमरू की ध्वनि हर भय और असुरक्षा को समाप्त कर भक्तों को उनकी भक्ति की शक्ति का अनुभव कराती है। इस भजन के माध्यम से भक्त महादेव से आग्रह कर रहे हैं कि वे पुनः अवतरित होकर मानवता को सत्य और धर्म का मार्ग दिखाएं। यदि आपको यह भजन पसंद आया, तो भोला तेरा डम डम डमरू बाजे, तेरे डमरू की धुन सुनके मैं काशी नगरी आई हूँ, भोलेनाथ जी का डमरू दिन रात बज रहा है, और डमरू वाले आजा तेरी याद सताए भी करें। इन भजनों के माध्यम से शिव भक्ति की लहर और गहरी होगी और महादेव की कृपा सदा बनी रहेगी। 🚩🙏✨

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