कैसे दर आऊं मैं तेरे दरश पाने को — यह भजन शिव भक्त की गहरी भक्ति और उनके मन में उठने वाली भावनाओं को प्रकट करता है। जब कोई सच्चे मन से भोलेनाथ के दर्शन की लालसा रखता है, तो हर बाधा छोटी लगने लगती है। यह भजन उस भक्त के भावों को व्यक्त करता है जो शिव दरबार में हाजिरी लगाने को आतुर है, परंतु अपने पापों, कर्तव्यों या परिस्थितियों से घिरा हुआ महसूस करता है। महादेव की कृपा से ही हर द्वार खुलता है और भक्त को उनके चरणों का सुख मिलता है। आइए, इस भजन को पढ़ें और भोलेनाथ के प्रति अपनी भक्ति को और प्रगाढ़ करें।
Kaise Dar Aau Mai Tere Darash Pane Ko
कैसे दर आऊं,
मैं तेरे दरश पाने को,
हे शिव शंकर दर्शन दे दो,
अपने दीवाने को,
हे शिव शंकर दर्शन दे दो,
अपने दीवाने को।1।
जिसको भी चाहो तुम,
दर पे बुलाते बाबा,
मुझ अभागे को क्यों तुम,
हो सताते बाबा,
मुझे दर पे बुला लो,
गले अपने लगा लो,
मेरी सच्ची है भक्ति,
जो चाहे आजमा लो,
छोड़ के आऊंगा मैं,
छोड़ के आऊंगा मैं,
सारे इस ज़माने को,
हे शिव शंकर दर्शन दे दो,
अपने दीवाने को।2।
मेरे कर्मो की सजा है जो,
दरश पा ना सका,
तेरे दरबार मेरे बाबा,
मैं जो आ ना सका,
मेरे पापों को हे शिव,
ना दिल से यूँ लगाओ,
मुझे भी दे दो माफ़ी,
दरश अपने कराओ,
मन में है मूरत तेरी,
मन में है मूरत तेरी,
आऊंगा सजाने को,
हे शिव शंकर दर्शन दे दो,
अपने दीवाने को।3।
दर तेरे बाबा मैं,
क्या ले करके आऊंगा,
तू तो दानी है तुझको,
क्या मैं चढ़ाऊंगा,
पास श्रद्धा है मेरे,
जो लेके दर पे आऊं,
अपनी भक्ति के बाबा,
फुल तुझको चढाऊं,
रूठे है बाबा,
रूठे है बाबा,
आऊंगा मैं मनाने को,
हे शिव शंकर दर्शन दे दो,
अपने दीवाने को।4।
कैसे दर आऊं,
मैं तेरे दरश पाने को,
हे शिव शंकर दर्शन दे दो,
अपने दीवाने को,
हे शिव शंकर दर्शन दे दो,
अपने दीवाने को।5।
शिव का दरबार हर भक्त के लिए खुला है, बस सच्चे मन और श्रद्धा की आवश्यकता होती है। भोलेनाथ हर भक्त की पुकार सुनते हैं और उन्हें अपने पावन दर्शन का आशीर्वाद देते हैं। अगर यह भजन आपको भाव-विभोर कर रहा है, तो भोले तेरे भक्तों को तेरा ही सहारा है, शरण में हम तुम्हारे आ पड़े हैं, बोल महादेव बोल रे बन्दे, और महाकाल के द्वार चले चलो भजनों को भी अवश्य करें। यह भजन शिवजी की अपार कृपा और भक्तों की उनके प्रति अटूट आस्था को दर्शाते हैं। हर हर महादेव! 🚩🙏✨
मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके। View Profile 🚩 जय श्री राम 🚩