काल भैरव गायत्री मंत्र एक दिव्य स्तुति है जो साधक के जीवन में अद्भुत ऊर्जा और रक्षा प्रदान करती है। Kaal Bhairav Gayatri Mantra का उच्चारण नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है और साधक को भयमुक्त बनाता है। यह मंत्र न सिर्फ आत्मबल बढ़ाता है, बल्कि गूढ़ साधनाओं के द्वार भी खोलता है। यहां हमने आपके लिए इस खास और दिव्य मंत्र को दिया है, जो इस प्रकार से है-
Kaal Bhairav Gayatri Mantra
ॐ कालभैरवाय विद्महे महाकालाय धीमहि,
तन्नो भैरव: प्रचोदयात्॥
इस मंत्र का जाप श्रद्धा और निष्ठा से करने पर काल भैरव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। अगर आप भैरव साधना को और गहराई से समझना चाहते हैं, तो हमारा भैरव तांडव स्तोत्र, काल भैरव बीज मंत्र और भैरव कवच पर आधारित लेख भी अवश्य पढ़ें। ये मंत्र और स्तोत्र आपके आत्मरक्षा कवच को और भी मज़बूत करेंगे।
भैरव गायत्री मंत्र जाप विधि
Kaal Bhairav Gayatri Mantra न केवल आध्यात्मिक सुरक्षा का कवच है, बल्कि आत्मबल और विश्वास का भी स्त्रोत है। यहां इसके जाप करने की सही विधि बताया गया है की इसका जाप कैसे करें-
- स्थान: सुबह या संध्या के समय एक शांत, पवित्र स्थान चुनें। अगर संभव हो तो घर के मंदिर या किसी भैरव मंदिर में बैठें। दीपक जलाएं, धूप-अगरबत्ती अर्पित करें।
- शुद्धि: स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। एक आसन बिछाकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। मन को शांत करें और कुछ देर गहरी सांस लेकर ध्यान केंद्रित करें।
- ध्यान करें: अब “ॐ काल भैरवाय नमः” कहते हुए भगवान काल भैरव का ध्यान करें। उनका स्वरूप मन में रखें — रुद्र रूप, कपाल माला, त्रिशूलधारी, रक्षक और भयहरण।
- मंत्र का उच्चारण: अब श्रद्धा के साथ ऊपर दिए गए Kaal Bhairav Gayatri Mantra In Hindi का जाप करें। इस मंत्र का जाप कम से कम 11, 21 या 108 बार करें। माला (रुद्राक्ष माला उत्तम) का प्रयोग करें तो और भी शुभ होगा।
- नैवेद्य और आरती: भैरव बाबा को गुड़, नारियल, या मदिरा (परंपरा अनुसार) अर्पित करें। फिर आरती करें और प्रसाद ग्रहण करें।
- प्रार्थना करें: जाप पूरा होने के बाद हाथ जोड़कर प्रार्थना करें – हे काल भैरव! जीवन से डर, बाधा और नकारात्मकता को दूर करें, और हमें सुरक्षा व शक्ति प्रदान करें।
भक्ति अगर श्रद्धा से की जाए, तो हर मंत्र जीवन बदल सकता है। काल भैरव गायत्री मंत्र न केवल साधना का हिस्सा है, बल्कि आत्मरक्षा, शांति और शक्ति का माध्यम भी है।
FAQ
भैरव गायत्री मंत्र का अर्थ क्या है?
इस मंत्र में काल भैरव को दिव्य शक्ति रूप में स्मरण कर उनकी कृपा और दिशा प्रेरणा की प्रार्थना की जाती है।
क्या इसे रोज जप सकते हैं?
हाँ, इसे रोज सुबह या रात को श्रद्धा से जप सकते हैं। यह आपकी आत्मा को स्थिरता और सुरक्षा देता है।
इस मंत्र से क्या लाभ होते हैं?
यह मंत्र भय, शत्रु बाधा, नकारात्मकता और मानसिक अशांति से मुक्ति दिलाता है। साधक को साहस और आत्मबल प्राप्त होता है।
क्या यह मंत्र कठिन साधना के लिए भी उपयुक्त है?
जी हाँ, यह मंत्र उच्च स्तरीय साधनाओं के आरंभ में और रक्षा हेतु किया जा सकता है।
क्या मंत्र जाप करते समय कोई नियम या व्रत रखना ज़रूरी है?
विशेष व्रत आवश्यक नहीं, लेकिन शुद्धता, एकाग्रता और श्रद्धा अनिवार्य मानी जाती है।
मैं शिवप्रिया पंडित, माँ शक्ति का एक अनन्य भक्त और विंध्येश्वरी देवी, शैलपुत्री माता और चिंतापूर्णी माता की कृपा से प्रेरित एक आध्यात्मिक साधक हूँ। मेरा उद्देश्य माँ के भक्तों को उनके दिव्य स्वरूप, उपासना विधि और कृपा के महत्व से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी श्रद्धा और भक्ति को और अधिक दृढ़ बना सकें। मेरे लेखों में इन देवी शक्तियों के स्तोत्र, चालीसा, आरती, मंत्र, कथा और पूजन विधियाँ शामिल होती हैं, ताकि हर भक्त माँ की आराधना सही विधि से कर सके और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर सके। जय माता दी! View Profile 🙏🔱