माँ सरस्वती ज्ञान, विद्या और संगीत की अधिष्ठात्री देवी हैं, जिनकी कृपा से बुद्धि प्रकाशित होती है और कला-संस्कृति का उत्थान होता है। “जयति जय जय माँ सरस्वती जयति वीणा धारिणी” भजन माँ सरस्वती के दिव्य स्वरूप और उनकी कृपा का गुणगान करता है, जहाँ भक्त माँ की वाणी से सजीव हो उठता है। आइए, इस भजन के माध्यम से माँ सरस्वती की वंदना करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
Jayati Jay Jay Maa Saraswati Lyrics
जयति जय जय माँ सरस्वती,
जयति वीणा धारिणी।1।
जयति पद्मासना माता,
जयति पद्मासना माता,
जयति शुभ वरदायिनी,
जगत का कल्याण कर माँ,
जगत का कल्याण कर माँ,
तुम हो वीणा वादिनी माँ।2।
कमल आसन छोड़कर आ,
कमल आसन छोड़कर आ,
देख मेरी दुर्दशा,
ज्ञान का दरिया बहा दे,
ज्ञान का दरिया बहा दे,
हे सकल जगतारणी माँं।3।
जयति जय जय माँ सरस्वती,
जयति वीणा धारिणी।4।
माँ सरस्वती की महिमा अपरंपार है, उनकी वीणा के सुरों से सारा संसार गुंजायमान हो उठता है। जयति जय जय माँ सरस्वती जयति वीणा धारिणी भजन माँ की स्तुति और उनकी अपार कृपा को दर्शाता है। यदि यह भजन आपके मन को भक्तिभाव से भर देता है, तो “वीणापाणि वर दे माँ, बुद्धि का उजियारा कर दे माँ” भजन भी अवश्य करे, जिसमें माँ सरस्वती की करुणा और ज्ञानप्रदायिनी स्वरूप का सुंदर वर्णन किया गया है।
मैं मां दुर्गा की आराधना व पूजा-पाठ में गहरी आस्था रखती हूं। प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करती हूं और मां दुर्गा से जुड़े शक्तिशाली मंत्र, दिव्य आरती, चालीसा एवं अन्य पवित्र धार्मिक सामग्री भक्तों के साथ साझा करती हूं। मेरा उद्देश्य श्रद्धालुओं को सही पूजा विधि सिखाना और उन्हें आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित कर कृपा प्राप्त करने में सहायक बनना है। View Profile 🚩🙏