Jai Tulsi Mata | तुलसी माता आरती : एक पवित्र पौधा

Jai Tulsi Mata, यह शब्द जितना सुनने में अच्छा लग रहा है। उससे भी बड़ा इसकी मान्यता है। तुलसी जी को हमारे हिन्दू धर्म में माता का स्थान दिया गया है, यह केवल एक पौधा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है। इसे पूजनीय माना जाता है क्योंकि यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी अमूल्य है। तुलसी को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है, और इसकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।

तुलसी माता आरती पुरे भारत में किया जाता है खास तौर से माँ की पूजा के समय पर। हमारे भारत देश में तुलसी को एक पवित्र औषधीय पौधा माना जाता है। यह पौधा हमारे वातावरण को भी साफ और शुद्ध रखता है। तो आइए, इस महान और पवित्र पौधे के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करें और इसे अपने जीवन में अपनाकर समृद्धि और स्वास्थ्य की ओर कदम बढ़ाएं। जय तुलसी माता!

Jai Tulsi Mata

जय जय तुलसी माता…
सब जग की सुख दाता, वर दाता !!

!! जय जय तुलसी माता !!
सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर…
रुज से रक्षा करके भव त्राता !!

!! जय जय तुलसी माता !!
बटु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या…
विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता !!

!! जय जय तुलसी माता !!
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वन्दित…
पतित जनो की तारिणी विख्याता !!

!! जय जय तुलसी माता !!
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में…
मानवलोक तुम्ही से सुख संपति पाता !!

!! जय जय तुलसी माता !!
हरि को तुम अति प्यारी, श्यामवरण तुम्हारी…
प्रेम अजब हैं उनका तुमसे कैसा नाता !!

!! जय जय तुलसी माता !!

आप तुलसी माँ की आरती के साथ भगवान सूर्यदेव की आरती, लक्ष्मी माता आरती एवं विष्णु जी की आरती का पाठ भी कर सकते हैं। जो आपके लिए अत्यंत लाभकारी हो सकता है।

माता की आरती करने  की विधि

  1. स्नान – सुबह में सूर्योदय से पहले स्नान करके साफ कपड़े पहने। 
  2. माता पूजा – अब आप आसन बिछा कर बैठ जाये और पूजा शुरू करें। 
  3. अर्पित करें – माता को रोली, चंदन, सिंदूर, धूप, अगरबत्ती, फूल, माला इत्यादि अर्पित करें और गाय के घी से दीपक जलाये । 
  4. मंत्र का पाठ – दीपक जलाने के बाद आप मन्त्र का  पाठ करें। 
  5. आरती – जाप खत्म करने के बाद आप दिया और कपूर जलाकर आरती करें। 
  6. जल चढ़ाये – आरती खत्म करने के बाद आप पौधे को जल में अक्षत, फूल मिलाकर जल चढ़ाये। 
  7. आशीर्वाद – अब आप माता को हाथ जोड़कर प्रणाम करें और आशीर्वाद मांगे। 

माता की आरती करने के लाभ

  • सकारात्मक शक्ति – घर परिवार में सकारात्मक शक्ति बनी रहती है। 
  • वातावरण शुद्ध – घर का और बाहर का वातावरण शुद्ध होता है। 
  • घर में सम्पन्नता – घर में धन – धान्य सम्पन्न रहता है। 
  • जीवन में सफलता – आप अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। 
  • कार्यों में सफलता – माँ के आशीर्वाद से आप सदा अपने कार्यों में  सफलता प्राप्त करते हैं। 
  • स्वस्थ्य जीवन – आपका स्वास्थ्य बना रहता हैं। 

FAQ :

घर में कितने पौधे घर में जरूर लगाना चाहिए ?

पाँच पौधे हर घर में अवश्य लगाना चाहिए। 

पूजा किसको करना चाहिए ?

जल कैसे चढ़ाये ?


पौधा उपहार में देने से क्या होता है ?

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