जय जय सुरनायक | Jai Jai Surnayak

जय जय सुरनायक भजन में भगवान विष्णु की महिमा का उद्घोष किया गया है। यह भजन भगवान के अद्वितीय गुणों और उनके महान कार्यों को गाने वाला है, जो देवताओं के नायक हैं। “सुरनायक” शब्द का अर्थ है देवताओं के नेता या प्रमुख, जो भगवान विष्णु के रूप में अस्तित्व में हैं। इस भजन के माध्यम से भक्त भगवान की सर्वोत्तमता और उनके असीमित आशीर्वाद को व्यक्त करता है।

Jai Jai Surnayak

ब्रह्मादी देवो द्वारा स्तुति – रामचरितमानस से

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं,
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनं योगिभिध्यार्नगम्यम्,
वंदे विष्णुम् भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्,

जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता,
गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिंधुसुता प्रिय कंता,
पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोइ,
जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोइ,

जय जय अबिनासी सब घट बासी ब्यापक परमानंदा,
अबिगत गोतीतं चरित पुनीतं मायारहित मुकुंदा,
जेहि लागि बिरागी अति अनुरागी बिगत मोह मुनिबृंदा,
निसि बासर ध्यावहिं गुनगन गावहिं जयति सच्चिदानंदा

जेहिं सृष्टि उपाई त्रिबिध बनाई संग सहाय न दूजा,
सो करउ अघारी चिंत हमारी जानिअ भगति न पूजा,
जो भव भय भंजन मुनि मन रंजन गंजन बिपति बरूथा,
मन बच क्रम बानी छाङि सयानी सरन सकल सूरजूथा,

सारद श्रुति सेषा रिषय असेषा जा कहुँ कोउ नहिं जाना,
जेहिं दीन पिआरे बेद पुकारे द्रवहु सो श्रीभगवउाना,
भव बारिधि मंदर सब बिधि सुंदर गुनमंदिर सुखपुंजा,
मुनि सिध्द सकल सुर परम भयातुर नमत नाथ पद कंजा,

जानि सभय सुरभूमि सुनि बचन समेत सनेह,
गगनगिरा गंभीर भइ हरनि सोक संदेह,

जय जय सुरनायक भजन भगवान विष्णु की महिमा को प्रकट करने वाला है, जो न केवल देवताओं के नेता हैं, बल्कि हर प्राणी के रक्षक और कल्याणकारी भी हैं। जब हम भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को प्रकट करते हैं, तो उनका आशीर्वाद हमारे जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भर देता है। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान श्री कृष्ण की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

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