जगन्नाथ जी की आरती एक पवित्र और श्रद्धा से भरी धार्मिक क्रिया है जो भगवान जगन्नाथ को समर्पित है। भगवान जगन्नाथ हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं, जिन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। विशेष रूप से उड़ीसा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में, भगवान जगन्नाथ की पूजा अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ की जाती है। आप अपने घरो में भी Jagannath Ji Ki Aarti कर सकते है।
यह आरती भगवान जगन्नाथ के प्रति प्रेम और आस्था को व्यक्त करने का एक माध्यम है, जो भक्तों के हृदय को शुद्ध करती है और उन्हें आध्यात्मिक सुख प्रदान करती है। आरती गाते समय भक्त भगवान से कृपा की याचना करते हैं और उन्हें संसार के सभी कष्टों से मुक्त करने की प्रार्थना करते हैं। इनकी सम्पूर्ण आरती को हमने आपकर लिए नीचे उपलब्ध कराया है।
जगन्नाथ जी की आरती
आरती श्री जगन्नाथ मंगलकारी।
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी॥
मंगलकारी नाथ आपादा हरि।
कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी॥
अगर कपूर बाटी भव से धारी ।
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी।
घर घरन बजता बाजे बंसुरी ॥
घर घरन बजता बाजे बंसुरी,
झांझ या मृदंग बाजे,ताल खनजरी ॥
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी ।
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी ॥
निरखत मुखारविंद परसोत चरनारविन्द आपादा हरि ।
जगन्नाथ स्वामी के अताको चढे वेद की धुवानी ॥
जगन्नाथ स्वामी के भोग लागो बैकुंठपुरी ।
आरती श्री जगन्नाथ मंगलकारी ।
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी ॥
इंद्र दमन सिंह गजे रोहिणी खड़ी ।
इंद्र दमन सिंह गजे रोहिणी खड़ी ॥
मार्कंडेय स्व गंगा आनंद भरि ।
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी ॥
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी ।
सरनार मुनि द्वारे तदे ब्रह्म वेद भानी ॥
सरनार मुनि द्वारे तदे ब्रह्म वेद भानी ।
धन धन ओह सुर स्वामी आनंद गढ़ी ॥
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी ।
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी ॥
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी ।
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी ।
मंगलकारी नाथ आपादा हरि ॥
कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी,
अगर कपूर बाटी भव से धारी ॥
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी ।
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी ॥
भगवान जगन्नाथ के साथ- साथ आप भगवान Vishnu Ji Ki Aarti भी कर सकते हैं ,जो आपके लिए लाभदायक हो सकता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है की भगवान जगन्नाथ, भगवान विष्णु के ही अवतार हैं।
आरती करने विधि –
- स्नान: आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहन लें।
- पूजा स्थान: पूजा स्थान को अच्छे से साफ कर लें। पूजा के लिए एक शांत स्थान का चयन करें।
- स्थापना: एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछा कर भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें। और उनकी मूर्ति के सामने दीपक और धुप जलाएं ये पूजा के लिए शुद्ध वातावरण प्रदान करता है।
- शुद्धि: गंगाजल से भगवान और खुद को शुद्ध करें। गंगाजल न होने पर आप ऐसे ही पूजा को आगे बढ़ा सकतें है।
- अर्पित करे: जगन्नाथ भगवान का कमल के फूलों से श्रृंगार करें, इसके बाद धूप, फूल, माला, रोली, चंदन इत्यादि पूजा का सामान चढ़ाए।
- प्रसाद: प्रसाद में जगन्नाथ भगवान को छप्पन भोग लगाया जाता है आप अपनी श्रद्धा से जितना सम्भव हो सके भोग लगा सकते हैं।
- आरती: इसके बाद भगवान Jagannath Ji Ki Aarti करें। आरती को सच्चे मन और प्रेम भाव से गायें।
- ध्यान: आरती के बाद भगवान का ध्यान करे और उनसे आशीर्वाद प्राप्ति के लिए धन्यवाद करें।
- प्रसाद वितरण: आरती के बाद वहाँ पर उपस्थित सभी लोगो को प्रसाद दें।
- समापन: पूजा के समाप्त होने पर पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करे और दीपक और धुप को किसी सुरक्षित स्थान पर रखे।
इन विधियों को अपना कर आप श्री जग्गन्नाथ जी आरती सही तरिके से कर सकते है और आपने मनोकामना को पूर्ण कर सकते है
इनकी आरती करने के लाभ –
- मनोकामना पूर्ण: जगन्नाथ भगवान की आरती करने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है।
- अध्यात्म: इनकी आरती करने से हम अध्यात्म की गहराई से जुड़ पाते हैं और अध्यात्म को समझने लगते हैं।
- सुख – शांति: इनकी आरती और भक्ति करने से भक्तों को सुख – शांति प्राप्त होता है।
- धन सम्पदा: भगवान जगन्नाथ की आरती करने से घर में धन सम्पदा बनी रहती है।
- जीवन में उन्नति: जगन्नाथ की कृपा से भक्तों को जीवन में सदा उन्नति प्राप्त होता है।
- स्वास्थ्य: भगवान की पूजा व आरती करने से आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहते हैं।
- ध्यान: आरती के दौरान ध्यान एकाग्र करने से मानसिक शक्ति और ध्यान की क्षमता में वृद्धि होती है।
- आत्मा की शुद्धि: आरती के माध्यम से आत्मा की शुद्धि होती है और व्यक्ति को ईश्वर से मिलन की अनुभूति होती है।
- पारिवारिक सुख: सामूहिक रूप से आरती करने से परिवार के लोगो के बीच आपसी समझ बना रहता है जिससे घर में सुख और शांति का माहौल रहता है।
FAQ
भगवान जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव कब मनाया जाता है ?
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को रथयात्रा उत्सव मनाया जाता है।
जगन्नाथ भगवान को कौन सा फूल अति प्रिय है ?
कमलपुष्प भगवान को अति प्रिय है।
भगवान जगन्नाथ को कौन सा फल चढ़ाने पर अधिक प्रसन्न होते हैं ?
पका हुआ कटहल भगवान को अधिक पसंद है।
भगवान जगन्नाथ की आरती किसको करनी चाहिए ?
जो भी भक्त इस जीवन मरण के चक्र से मुक्ति पाना चाहते हैं वे इनकी पूजा कर सकते हैं।
I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle.