हे शिव भोले मुझ पर दो ऐसा रंग चढ़ाय लिरिक्स

हे शिव भोले मुझ पर दो ऐसा रंग चढ़ाय भजन शिव भक्ति में रंग जाने की प्रार्थना का प्रतीक है। जब कोई सच्चे मन से भोलेनाथ को पुकारता है, तो वे उसे अपनी भक्ति के रंग में रंग देते हैं, जहाँ न कोई दुख होता है, न कोई मोह-माया, बस शिवमय आनंद होता है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि महादेव की शरण में आकर जीवन को एक नए आध्यात्मिक रंग में रंगा जा सकता है, जो शांति, भक्ति और मोक्ष की ओर ले जाता है। आइए, इस भजन के मधुर शब्दों से महादेव की कृपा का अनुभव करें और शिव के रंग में रंग जाएं।

Hey Shiv Bhole Mujh Par Do Aisa Rang Chadaye

हे शिव भोले मुझ पर,
दो ऐसा रंग चढ़ाय,
रोम रोम मेरा शिव बोले,
मन बोले नमः शिवाय।1।

हे शिव शंकर हे करुणाकर,
हे त्रिभुवन के स्वामी,
है रामेश्वर जय महाकाल,
श्री नागेस्वर अन्तर्यामी,
बैधनाथ है सोमनाथ,
तुम भोले दिगम्बराय,
रोम रोम मेरा शिव बोले,
मन बोले नमः शिवाय।2।

मन मेरा शिवाला हो,
और दिल में हो तेरी मूरत,
जब जब भी आंखे खोलू,
मेरे सामने तेरी हो सूरत,
अब रहे न तुमसे दूरी,
कर दो ऐसा उपाय,
रोम रोम मेरा शिव बोले,
मन बोले नमः शिवाय।3।

स्वार्थ भरी दुनिया में भोले,
एक आसरा तेरा,
पक्का है विश्वास मुझे,
तू भर देगा दामन मेरा,
‘दिलबर’ दिल से दिल का,
ये तार जुड़ जाय,
रोम रोम मेरा शिव बोले,
मन बोले नमः शिवाय।4।

हे शिव भोले मुझ पर,
दो ऐसा रंग चढ़ाय,
रोम रोम मेरा शिव बोले,
मन बोले नमः शिवाय।5।

हे शिव भोले मुझ पर दो ऐसा रंग चढ़ाय भजन हमें यह सिखाता है कि शिव की भक्ति से बढ़कर कोई रंग नहीं, और जो इस रंग में रंग जाता है, उसका जीवन धन्य हो जाता है। शिव कृपा से हर भक्त का हृदय निर्मल हो जाता है और वह सच्चे आनंद का अनुभव करता है। यदि आपको यह भजन पसंद आया, तो भोले तेरे भक्तों को तेरा ही सहारा है, अब सबकुछ सम्भालो भोलेनाथ मैं आया तेरे चरणों में, भोला शंकर बने मदारी डमरू दशरथ द्वार बजायो, और मुख पे हो सदा तेरा नाम जपु ॐ नमः शिवाय भी करें। इन भजनों को पढ़कर आपकी शिव भक्ति और प्रगाढ़ होगी, और भोलेनाथ की कृपा सदैव आपके साथ बनी रहेगी। 🚩🙏✨

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